बेरुत: सीरिया में एक बस डिपो में हुए भीषण विस्फोट में 100 लोगों के मारे जाने की खबर है. विस्फोट के बाद वहां फंसी आबादी को दूसरी जगह भेजने का काम किया जा रहा है.
यह विस्फोट अल रशीदीन इलाके में एक बस डिपो में हुआ, जहां से सरकार समर्थक हजारों समर्थकों को हटाया गया. इससे पहले उन्होंने घंटों इंतजार किया.
हालांकि, किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन सरकारी मीडिया और विपक्ष ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए हैं.
सीरिया में 6 साल पहले शुरू हुआ शांतिपूर्ण विद्रोह काफी पहले ही भयानक गृहयुद्ध की शक्ल ले चुका है. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ शुरू की गई बगावत के बाद से ही सीरिया में खूनी खेल जारी है. 2011 में सीरिया के दाराआ में लोगों ने लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन किया था. इस आंदोलन के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद ने लोगों के साथ जो रवैया अपनाया वह काफी भयानक था. 6 साल पहले शुरू हुए इस गृहयुद्ध पर लगभग सभी देशों की नजर है.
सत्ता के खिलाफ लंबे समय से चला आ रहा गुस्सा आखिरकार एक दिन फूट ही गया. लोगों के दिलों में उठी लोकतंत्र की मांग को सत्ता पक्ष सहन नहीं कर पाया. सीरिया में बशर अल-असद ने सत्ता पक्ष के खिलाफ आवाज उठाने वालों और असहमति जताने वालों के साथ काफी क्रूर रवैया अपनाया है.