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छोटे रेगिस्तान में दुनिया के सबसे दुर्लभ घोड़ों की गिनती 13-14 मार्च को होगी  

सुरेंद्रनगर/अहमदाबाद। सुरेंद्रनगर जिले के मैदानी इलाके के छोटे से रेगिस्तान में 2014 के बाद अब फिर 13 और 14 मार्च को दुर्लभ घोड़ों की गणना होने वाली है। इस बार घोड़ों की आबादी 15% बढ़कर 5000 से अधिक होने का अनुमान है।
सुरेंद्रनगर जिले में पाटडी के छोटे रेगिस्तान में घोड़ा अभयारण्य 1978 में स्थापित किया गया था। 12 जनवरी, 1973 को गुजरात सरकार ने कच्छ के एक छोटे से अभयारण्य क्षेत्र को घोड़ों के लिए अभय स्थान क्षेत्र घोषित किया। 1978 में कच्छ के बड़े रेगिस्तान का एक छोटा सा हिस्सा जब इससे जोड़ा गया तो कुल 4953.71 वर्ग किमी का रेगिस्तान घुड़सवारी अभयारण्य के नाम से संरक्षित था। हवा की रफ़्तार से दौड़ने वाला यह घोडा आमतौर पर 110 से 120 सेमी की लम्बाई और 210 सेमी की ऊंचाई का होता है। इसका वजन 200 से 250 किलोग्राम होता है। इन घोड़ों का जीवन काल 20 वर्ष होता है। 50 से 60 किमी की रफ्तार से दौड़ने वाले इस घोड़े को देखना भी जीवन के फायदों में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब शताब्दी के महानायक अमिताभ बच्चन ने ‘खुशबू गुजरात की’ विज्ञापन की शूटिंग यहीं की जो गुजरात के पर्यटन क्षेत्रों को प्रभावी ढंग से देश और विदेश में पेश करने के लिए था। विज्ञापन जारी होने के बाद रेगिस्तान में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड 300% की वृद्धि हुई। घोड़े की गणना के लिए कुल 3 जोन धन्ग्धरा, राधनपुर और भचाऊ बनाए जाएंगे। इस क्षेत्र में कुल 15000 वर्ग किमी शामिल हैं। इसमें रेगिस्तानी बनी घास का इलाका, नलसरोवर के आसपास का इलाका, और गुजरात-राजस्थान सीमा क्षेत्र शामिल होंगे। यह घोड़े कच्छ के छोटे से मरुस्थल को छोड़कर पूरे विश्व में कहीं भी नहीं पाए जाते हैं। इस घुड़सवारी अभयारण्य को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए यूनेस्को के पास प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन आखिरकार पाटन की ‘रानी की वाव’ को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया।
पिछले वर्षों में हुई गणना के अनुसार यहां घोड़ों की संख्या 3500 थी। 1963 में महामारी की वजह से यह संख्या घटकर मात्र 362 रह गई। 2014 में हुई गणना के अनुसार रेगिस्तान में घोड़ों की संख्या 4451 थी। अब पांच साल बाद 13 और 14 मार्च को जनगणना होने पर घोड़ों की आबादी 15 फीसदी बढ़कर 5000 तक पहुंचने का वन विभाग का अनुमान है।