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अमेरिका रद्द करने जा रहा H-4 वीजाधारकों के वर्क परमिट, भारतीयों पर पड़ेगा गहरा असर

वॉशिंगटन: अमेरिका के प्रेसिडेंट ने H-4 वीजा होल्डर्स के वर्क परमिट को वापस लेने का निर्णय लिया है। यह बात प्रशासन ने एक फेडरल कोर्ट को बतायी है। ट्रंप प्रशासन 3 महीने के अंदर ही इसे रद्द कर सकती है।
यदि ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय को होगा। क्योंकि H-4 वीजा को यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) जारी करता है। यह H-1B वीजा होल्डर्स के निकट परिजनों (पति या पत्नी और 21 वर्ष से कम आयु के बच्चे) को दिया जाता है। इस वीजा की सबसे ज्यादा डिमांड भारतीय आईटी पेशेवरों में होती है।
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी (DHS) ने बताया कि नए नियमों को 3 महीने के भीतर वाइट हाउस के बजट का प्रबंधन करने वाले दफ्तर में जमा कर दिया जाएगा। डिपार्टमेंट ने कोर्ट से तब तक के लिए प्रस्तावित नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई रोकने का आग्रह किया है।
बता दें कि अमेरिकी वर्करों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘सेव जॉब्स यूएसए’ नाम की संस्था ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि सरकार की इस तरह की नीतियों से उनकी नौकरियां प्रभावित होंगी।
ट्रंप प्रशासन फिलहाल H-1B वीजा पॉलिसी की समीक्षा कर रहा है। उसे लगता है कि कंपनियां इस वीजा का दुरुपयोग अमेरिकी वर्करों की जगह पर दूसरों को नौकरियां देने में कर रही हैं। इस नियम को बराक ओबामा प्रशासन ने मई 2015 में लागू किया था।