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नवरात्रों में कन्याओं की पूजा, फिर कोख में हत्या क्यों- साध्वी सिरसा।

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से दो दिवसीय महामाई का गुणगान कोर्ट कॉलोनी में आयोजित किया गया। जिसमें आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी पंकजा भारती ने बताया किं जब एक भक्त मां उस आदिशक्ति का ध्यान करता है। हम देखों कि संपूर्ण भक्त नवरात्रों के पर्व में मां का जयघोष गूंज उठाता है। मां का बुलावा हर वर्ष प्रत्येक मां के भक्त के पोनों मस आता है। जिसमें मां का यह बुलावा प्रत्येक जीव का उस आत्मा के स्वर में उतरने का इशारा  दे रहा है। वैष्णों देवी चढ़ाई जो आत्म तीर्थ, मानव तन माता रानी का बुलावा है। बाण गंगा में नहाना, सत्संग समागमों में नहाना है। चरण – पादुका गुरू की शरणगति का उस ब्रहमज्ञान का प्रतीक है।  गुफा की तीन ‌प‌ण्डियां चेतना की पूर्ण अवस्थाएं है।

यह चढ़ाई मात्र बाहरी नहीं आंतरिक भी है। मानव तक मां का बुलावा है। इस मन के रहते हमें मां के इक पड़ावों को पूर्ण करना होगा। पर अब इंसान हर वर्ष नवरात्रों के दिनों में मां के अखंड ज्योत जलाता है। मां कि विभिन्न रुपों में पूजा होती है पर दुख की बात इन नवरात्रों के दिनों में मां के स्वरूप कन्या का तो पूजन करते है। लेकिन आम दिनों में उसी कन्या को कोख में मार देते है। वहीं इस दौरान साध्वी प्रियंका भारती व चंडा भारती ने सुरमय भजन गाकर वातावरण को सुरमय कर दिया।