राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए किसे अपना उम्मीदवार बनाती है. शीर्ष संवैधानिक पद के लिए यदि विपक्षी दल अपना उम्मीदवार उतारते हैं और चुनाव होता है तो भाजपा अपने सहयोगियों के समर्थन से बेहतर स्थिति में नजर आ रही है, निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीख 18 जुलाई निर्धारित की है, उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने पार्टी को और अच्छी स्थिति में ला दिया है, इनमें सबसे अहम उत्तर प्रदेश है क्योंकि यहां के हर विधायक के मत का मूल्य अन्य राज्यों के विधायकों की तुलना में सर्वाधिक है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि सत्ताधारी राजग के पास निर्वाचक मंडल के लगभग 50% मत हैं। उनके मुताबिक राजग को आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस और ओडिशा के बीजू जनता दल (बीजद) जैसे गैर-राजग और गैर-संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (गैर-संप्रग) क्षेत्रीय दलों का साथ मिलने की उम्मीद है. भाजपा (BJP) यह मानकर चल रही है कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सहयोगी रहे अन्नाद्रमुक का भी उसे समर्थन मिलेगा। पिछला राष्ट्रपति चुनाव 2017 में 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी। रामनाथ कोविंद ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था। कोविंद की उम्मीदवारी की घोषणा से पहले राजनीतिक गलियारों में कई नामों की चर्चा जोरों पर थी लेकिन जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की थी तो सभी आश्चर्य में पड़ गए थे। केंद्र में सत्ता में आने के बाद विभिन्न मौकों पर नेता के चयन में भाजपा नेतृत्व ने चौंकाने वाले फैसले किए हैं, राष्ट्रपति के रूप में कोविंद के चयन को कभी भी भाजपा के हिन्दुत्व के विमर्श को आगे बढ़ाने के रूप में नहीं देखा गया बल्कि उस वक्त उसे इस रूप में देखा गया था भाजपा के सूत्रों ने कहा कि उसके वरिष्ठ नेता विपक्ष सहित सभी दलों से संपर्क करेंगे ताकि शीर्ष संवैधानिक पद के लिए आम सहमति बन सके, मौजूदा आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के कुल 392 सांसद हैं।
इनमें राज्यसभा के चार मनोनीत सदस्य शामिल नहीं हैं क्योंकि वे राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते। दोनों सदनों के वर्तमान में कुल 772 सदस्यों में, भाजपा के पास बहुमत है, चूंकि लोकसभा में अभी तीन और राज्यसभा में 13 सीट खाली हैं,जबकि जनता दल यूनाईटेड (21 सांसद), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल और पूर्वोत्तर के कई अन्य सहयोगी दलों के मत जुड़ जाएंगे। चुनाव की घोषणा के कुछ घंटे के भीतर ही आरिफ मोहम्मद खान का नाम भारत में ट्विटर पर 10 शीर्ष में ट्रेंड करने लगा. ट्विटर उपयोगकर्ता रिटायर्ड मेजर अमित बंसल ने एक ट्वीट में कहा, ‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार आरिफ मोहम्मद खान हैं। मैं उन्हीं के शहर से आता हूं और उन्हें जानता हूं, इसलिए दावे के साथ कह सकता हूं, भारत उनकी रगों में दौड़ता है. भारत उनके दिमाग में छाया रहता है और वह एक सच्चे देशभक्त हैं, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।