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UP: समय की कमी से नही होंगी मौतें,15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचेगी एंबुलेंस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने एक बैठक के दौरान एंबुलेंस सेवा को और भी मजबूत और बेहतर बनाने के लिए  घटना स्थल पर 20 मिनट के बजाय 15 मिनट में पहुंचाने की प्रक्रिया पर जोर दे रही है। इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए एंबुलेंस की संख्या में वृद्धि करने के साथ-साथ उन्हें डिजिटल संसाधनों के साथ जोड़ दिया गया है। जिससे यह निर्धारित समय पर पहुंच सके।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रिपांस टाइम करने के लिए कई बार कार्यक्रम और समीक्षा बैठकों में कह चुके हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह मुमकिन हो जाएगा। एंबुलेंस निजी टैक्सियों की तर्ज पर निर्धारित समय में मरीजों के पास पहुंचने लगेंगी।

जीवीके एंबुलेंस कंपनी के मीडिया प्रभारी अजय सिंह के मुताबिक  साल 2012 में शुरू हुई 108 एंबुलेंस सेवाएं उप्र के मरीजों के लिए काफी मददगार साबित हुई हैं। एबुलेंस में कार्डियो, प्रसव, गंभीर चोट, वेंटिलेटर आदि के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने तक स्थिर रखने के लिए आधुनिक मशीनें लगी हैं और प्रशिक्षित स्टाफ भी है। सेवा शुरू होने से अब तक इन एंबुलेंस के जरिए 125 करोड़ मरीजों को सुविधा दी जा सकी है।

उन्होंने बताया कि 108 आपातकलीन सेवा के लिए, 102 गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए, एडवांस लाइफ सपोर्ट के लिए हमारी कंपनी सेवा दे रही है, जिसमें 108 के 2200 और 102 के 2270, एडंवास लाइफ सपोर्ट में 250 गाड़ियां पूरे प्रदेश में सेवा दे रहीं है।

अजय ने बताया कि पहले यह शहरी क्षेत्र में 20 व ग्रामीण क्षेत्र में 30 मिनट में पहुंचती थी। अब इन्हें घटनास्थल पर पहुंचने में महज 15 मिनट लगेगा। उन्होंने बताया कि इसे निजी टैक्सी के सिस्टम को भी इसमें लागू किया गया है। एंबुलेंस 108 को नए जीपीएस सिस्टम से जोड़ा गया है। हर गाड़ी को एक एंड्रॉयड फोन भी दिया गया है। कोई भी इस पर कॉल करेगा तो एबुलेंस मुख्यालय पर काल जाते ही संबंधित नंबर का एक मैसेज भी जनरेट होगा।

मैसेज कॉल करने वाले के नजीदीक एंबुलेंस चालक को मिल जाएगा। फिर एंबुलेंस चाल तत्काल संबंधित लोकेशन के लिए रवाना हो जाएगा। एंबुलेंस चालक कहां तक पहुंचा, इसकी लोकेशन मुख्यालय के साथ सीएमओ भी देख सकेंगे।

अजय ने बताया कि सभी एंबुलेंस चालकों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया है। जो समय पर हाजिरी नहीं देगा उस पर कड़ी कारवाई की जाएगी।तकरीबन सभी जिलों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जा रही है। हालांकि जहां से मरीजों की कॉल अधिक आती है, उन जिलों में इनकी संख्या अधिक रखी गई है।

लखनऊ सहित नौ शहरों को 20-20 नई एंबुलेंस का तोहफा मिला है। इसमें प्रयागराज, बहराइच, गोरखपुर, हरदोई, कानपुर, खीरी, कुशीनगर, लखनऊ और सीतापुर शामिल हैं।