-नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीददारों व बिल्डरों को बड़ी राहत
-सरकार ने मुकदमों में फंसी परियोजनाओं की मुकदमा अवधि को शून्य घोषित किया
– कैबिनेट ने पारित किये 34 महत्वपूर्ण प्रस्ताव, बनेंगी 11 नई नगर पंचायतें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एनसीआर, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने वालों एवं बिल्डरों को कड़ी राहत दी है। सरकार ने मुकदमों में फंसी परियोजनाओं की मुकदमा अवधि को शून्य घोषित कर दिया है। राज्य सरकार के इस फैसले को कैबिनेट ने भी मंगलवार को अपनी मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज लोक भवन में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने राज्य सरकार के 34 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया। बैठक के बाद औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि एनसीआर, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की जो परियोजनाएं वर्ष 2017 से पहले से मुकदमों के कारण लंबित पड़ी हैं, सरकार ने उन्हें राहत देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मंत्रियों की गठित उप समिति की सिफारिशों को कैबिनेट ने आज अपनी मंजूरी दे दी। मंत्री ने बताया कि इससे घर खरीदने वालों और बिल्डरों दोनों को बड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि जो परियोजनाएं एनजीटी या अन्य अदालतों में मुकदमों के कारण फंसी थीं अथवा सरकार की नीति के कारण जिन परियोजनाओं में देरी हुई, उस अवधि को शून्य माना जाएगा। इस अवधि का बिल्डर से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा घर खरीदारों से भी इस अवधि का ब्याज नहीं लगेगा। मंत्री ने बताया कि इस फैसले का लाभ उन्हीं बिल्डरों को मिलेगा जो वर्ष 2021 तक अपनी परियोजनाएं पूरी कर खरीदारों को कब्जा दे देंगे और सरकार को भी इसकी जानकारी उपलब्ध करा देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से करीब एक लाख घर खरीदारों को राहत मिलेगी।
अध्यापक बनने के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य
योगी सरकार ने प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर अब पूरी नजर रखने का फैसला किया है। सरकार ने इन विद्यालयों में शिक्षकों की नौकरी पाने के लिए अब स्नातक में न्यूनतम 50 फीसदी अंक पाना अनिवार्य कर दिया है। कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता द्वय श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इन नियुक्तियों में अभी तक ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं थी।
प्रदेश में गठित होंगी 11 नई नगर पंचायतें
प्रवक्ता द्वय ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य में 11 नई नगर पंचायतों के गठन का निर्णय लिया है। इसके तहत महाराजगंज, बस्ती, लखीमपुर खीरी, संतकबीर नगर, मैनपुरी, सिद्धार्थ नगर, संत कवीर नगर, प्रतापगढ़, मऊ और जौनपुर समेत दस जिलों में 11 नई नगर पंचायतों को गठन होगा। इसके अलावा कैबिनेट ने लखनऊ और वाराणसी नगर निगम, एक नगर पालिका परिषद और चार नगर पंचायतों के सीमा विस्तार के प्रस्ताव को पारित किया।
डिफेंस उद्योग को रियायत
कैबिनेट ने औद्योगिक विकास विभाग के भी पांच प्रस्ताव पारित किये। सरकार डिफेंस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जमीन के क्रय में 25 प्रतिशत और स्टाम्प ड्यूटी में 100 फीसदी सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
-मेगा प्रोजेक्ट वाली चार यूनिट, श्री सीमेंट, रिलायंस सीमेंट, वरुण बेवरेजेज और असवारा पेपर्स को 326 करोड़ का इंसेटिव।
-नोएडा सेक्टर 71 से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क तक 15 किमी मेट्रो लाइन को मंजूरी।
-प्रदेश के बुनकरों को मिल रही बिजली सब्सिडी की नीति बदलेगी। बिजली मूल्य में भी राहत देने का निर्णय।
-लोक निर्माण विभाग में मार्ग सेतु, भवन और सड़क पर जीएसटी लागू करने को मंजूरी।
-भदोही निर्माण प्राधिकरण के भवन नियमावली में बदलाव।
-सुल्तानपुर जिले के 33 राजस्व गांवों को सदर तहसील से दूसरी तहसील में किया गया।
-उपजिलाधिकारी स्तर के चार अफसरों के खिलाफ दंडात्मक करवाई को मंजूरी।
-पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए नयी नीति को मंजूरी। लोक निर्माण विभाग संचालित करेगा और लाइसेंस शुल्क भी लेगा। नये पेट्रोल पंप अब स्टेट हाइवे पर एक किलोमीटर या जिला मार्ग में 600 मीटर और अन्य मार्ग पर 300 मीटर की दूरी पर लगाये जाएंगे।