Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए गए बयान पर किया पलटवार

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल द्वारा दिया गया बयान उनकी मौजूदा मानसिकता के अनुरूप है। कांग्रेस और समान विचारधारा वाले लोगों के अनुसार न्यायालयों/संवैधानिक अधिकारियों को उनका पक्ष लेना चाहिए या उनके हित के अनुसार काम करना चाहिए नहीं तो वे संवैधानिक अधिकारियों पर हमला करना शुरू कर देते हैं।केंद्रीय कानून मंत्री ने आगे कहा कि ये दुखद है कि प्रमुख नेता और दल संवैधानिक अधिकारियों और एजेंसियों की आलोचना कर रहे हैं। ये एजेंसियां पूरी तरह से स्वायत्त हैं। बता दें कि, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में पारित कुछ फैसलों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि उनको अब सुप्रीम कोर्ट से कोई उम्मीद नहीं है। सिब्बल ने कहा, “अगर आपको लगता है कि आपको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, तो आप बहुत गलत हैं।

मैं यह सुप्रीम कोर्ट में 50 साल प्रैक्टिस करने के बाद कह रहा हूं.” उन्होंने कहा कि भले ही शीर्ष अदालत ने कोई ऐतिहासिक फैसला सुना दिया हो, लेकिन इससे जमीनी हकीकत शायद ही कभी बदलती है। कपिल सिब्बल ने 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री मोदी और कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की। ये याचिका कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने दायर की थी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने भी कपिल सिब्बल की इस टिप्पणी पर नाराजगी जताई है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा, “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कपिल सिब्बल ने इस तरह की टिप्पणी की है। कपिल सिब्बल कानूनी क्षेत्र में एक दिग्गज हैं और देश के पूर्व कानून मंत्री भी हैं। 2-3 महत्वपूर्ण केस हारने का मतलब ये नहीं है कि किसी को न्यायपालिका को निशाना बनाने का अधिकार है। न्यायपालिका एक स्वतंत्र संस्था है. इस पर हमला नहीं किया जाना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा, “यदि आप कमजोर केस को ले रहे हैं और बाद में उन्हें अदालत में हार जाते हैं, तो आप न्यायाधीशों और न्यायपालिका को दोष नहीं दे सकते।  ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने एक प्रेस बयान के माध्यम से पूर्व केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान को अवमाननापूर्ण बताते हुए कहा है कि उन्होंने भारतीय न्यायपालिका में उम्मीद खो दी है।