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विजया एकादशी व्रत आज, भूलकर भी न करें ये काम वरना…

 

हिन्दु मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने वाले को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है, जो आज यानी बुधवार को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। एकादशी व्रत बुधवार को रखा जाएगा और पारण अगले दिन सुबह होगा। विजया एकादशी व्रत के पारण का समय गुरुवार को सुबह 06 बजकर 56 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक है।

विजया एकादशी व्रत के कुछ नियम हैं जिनका हमें पालन अवश्य करना चाहिए। आइए, जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या नहीं।

सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए

एकादशी का दिन भगवान की आराधना का दिन होता है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए।

चावल का सेवन

शास्त्रों में सभी 24 एकादशियों में चावल खाने को वर्जित बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है। इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें। जो व्यक्ति व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

गंगा स्नान

एकादशी व्रत पर अगर संभव हो तो गंगा स्नान करना शुभ होता है।

दान

एकादशी व्रत के दिन दान अवश्य करना चाहिए।

केसर, केला या हल्दी का दान

विवाह के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करें।

खान-पान और व्यवहार में संयम

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता है। विजया एकादशी पर जल और अन्न नहीं लिया जाता। विषम परिस्थियों में फल खा सकते हैं और अगर नहीं रह सकते तो जल भी पी सकते हैं। एकादशी के व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए।

ब्रह्राचार्य का पालन

एकादशी के दिन संयम के साथ पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए, इसलिए इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए।

लड़ाई-झगड़ों से बचना चाहिए

सभी तिथियों में एकादशी कि तिथि बहुत शुभ मानी गई है। एकादशी का लाभ पाने के लिए इस दिन किसी को कठोर शब्द नहीं कहना चाहिए। लड़ाई-झगड़ों से बचना चाहिए।

एकादशी व्रत लाभ

एकादशी का व्रत करने से इच्छाएं पूरी होती हैं और साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। प्रत्येक एकादशी का व्रत रखने पर धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, संतान सुख, पारिवारिक सुख,और मनोवांछित फल मिलते हैं।