अभी हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में बारिश के कारण जलभराव की समस्या सामने आई थी. जिसमें पूरी सड़कें जलमग्न हो चुकी थी। कहीं मेट्रो में पानी भर गया था, तो कहीं बसों के अंदर पानी भर गया था। जिससे जनमानस को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
ये हाल केवल दिल्ली का नहीं है, बल्कि देश के कई शहरों का है। जहां थोडी भी बारिश होने पर पूरी सड़कों पर जलभराव के कारण बाढ़ की स्थिति बन जा रही है।
तेजी से बढ़ते शहरों के निर्माण के समय, हम जल भंडारण तथा तालाबों को भूल गए. जिससे हमें इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
इस बारिश वाली बाढ़ की समस्या पर भारत के “pondman” कहे जाने वाले “रामवीर तंवर” से हमने बात की-
क्या कहे pondman-
उन्होंने बताया कि दिल्ली में जलभराव के मुख्यतः दो कारण हैं, पहला कारण “वाटर बॉडी” का धीरे-धीरे समाप्त होना. तथा दूसरा कारण सीवरेज में कचरा जमा होना है। इसके अलावा देखा जाए तो एक और चीज है जिससे जलभराव का संकट उत्पन्न होता है. वो है पूरे दिल्ली में “रेन वाटर हार्वेस्टिंग” की कमी। रेन वाटर हार्वेस्टर दिल्ली में मात्र लगभग 10% लोग ही लगाए हुए हैं। इसपे ध्यान देने की जरुरत हैं.
तालाबों से दूर हो सकती है जलभराव तथा सूखे की समस्या-
उन्होंने बताया कि तालाबों से बारिश के कारण बाढ़ तथा सूखा दोनों समस्याओं को हल किया जा सकता है। तालाब, बारिश के कारण ज्यादा मात्रा में आए जल को संचित कर देता है तथा सूखे के समय उत्पन्न जल संकट के दौरान इसी जल का प्रयोग किया जा सकता है।
भारत की आजादी के समय लगभग 24 लाख ऐतिहासिक तालाब थे जिसमें से हम 20 लाख तलाक लुप्त हो गए हैं। यहां तक कि कई शहर तालाब मुक्त हो गए। उसी का नतीजा है कि थोड़ी सी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं और उसी समय पर कई ऐसे जगह होती हैं. जहां लोग सूखे से ग्रस्त होते हैं. सूखे के कारण जल संकट से जूझ रहे होते हैं।
कौन है पौंड मैन ऑफ इंडिया-
“पौंड मैन ऑफ इंडिया” के नाम से विख्यात “रामवीर तंवर” पेशे से “मैकेनिकल इंजीनियर” है तथा ग्रेटर नोएडा के रहने वाले है। एक सामान्य मिडिल क्लास में जन्मे “रामवीर” को अपने पढाई के लिए कोचिंग पढ़ाना पड़ता था। वे अपने ग्रेजुएशन के दौरान 9th से 12th के छात्रों को विज्ञान पढ़ाते थे।
कैसे बने Pondman
‘रामवीर’ अपने ग्रेजुएशन के समय गिरते हुए जलस्तर के बारे में काफी अध्ययन किये. तथा इसके कारणों के बारे में भी जाना. जिसमें उन्होंने पाया कि गिरते हुए जलस्तर का सबसे बड़ी कारण तालाबों की कमी तथा पानी का दुरूपयोग है. इसी दौरान उन्होंने इसके समाधान के लिए कई मुहिम चलाएं।
तालाबों के लिए छोड़ दी मल्टी नेशनल कंपनी की इंजीनियरिंग की जॉब-
रामवीर का मन तो पहले से ही जल संरक्षण तथा तालाबों के उत्थान में था। परंतु माता-पिता की इच्छावों तथा आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जॉब भी करना जरूरी था। रामवीर बताते हैं कि जॉब के साथ-साथ तालाबों पर काम करने में काफी कठिनाई हो रही थी। परंतु उन्होंने काम जारी रखा। धीरे-धीरे एक टीम बन गई, जिससे काम करने में आसानी होने लगा तथा उन्होंने अपनी जॉब छोड़ कर के पूरी तरह से तालाबों के संरक्षण तथा उत्थान के लिए लग गए।
चुकी जॉब छोड़ना एक कठिन निर्णय था क्योंकि रामवीर के पूरे परिवार में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे वही थे। बाकी लोग मात्र हाईस्कूल तक ही पड़े हैं परंतु उनके घर वाले अब उनके काम से काफी खुश हैं।
सोशल मीडिया के द्वारा भी चलाते हैं तालाबों के उत्थान के लिए जागरूकता अभियान-
तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम भी रामवीर करते हैं। वो “Selfie with pond” के नाम से एक मुहिम चलाए थे जिससे देश के लगभग सभी राज्यों के लोग जुड़े।
रामवीर के टीम में 15 से 20 लोग स्थाई रूप से निरंतर कार्य करते हैं तथा 200 से 250 लोग अस्थाई रूप से कार्यरत है। ये उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य कई राज्यों में भी तालाबों के संरक्षण तथा जल की समस्याओं पर काम कर रहे हैं।
रिपोर्ट – अभिषेक कुमार तिवारी