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अनसुना करने से पहले सोच लो तुम एक बार…. युवक साहित्य सदन के स्थापना दिवस पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन

सिरसा।।।(सतीश बंसल) हरियाणा कर धरती ज्ञान और प्रेम के लिए जानी जाती है और यहां आकर न केवल
सुकून मिलता है, बल्कि लेखन धर्म को निभाने के लिए प्रेरणा भी मिलती है। ग्वालियर से आए प्रख्यात शायर
मदन मोहन दानिश ने इन शब्दों के साथ अपना कलाम शुरू किया। उन्होंने कहा-क्या सितम है वक्त का, इस दौर
का हर आदमी, है तो इक किरदार पर अपनी कहानी का नहीं, अनसुना करने से पहले सोच लो तुम एक बार,
खामशी का शोर है ये, बेजुबानी का नहीं। दानिश ने पहली दो गजलों से कवि सम्मेलन का स्तर काफी ऊंचा कर
दिया। श्रोताओं की जोरदार तालियों और वाह-वाह से पूरा पंडाल गंूज रहा था। मौका था श्री युवक साहित्य सदन
के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का। मदन मोहन दानिश ने फिर कहा-सितारे कुछ बताते
हंै, नतीजा कुछ निकलता है, बड़ी हैरत में है मेरा मुकदर देखने वाले, जरा अपने भी अंदर देख, जरा अपनी तलाशी
ले, मेरी बुनियाद का एक-एक पत्थर देखने वाले। करीब 40 मिनट तक उन्होंने समय को बांधे रखा और श्रोताओं ने
उन्हें बार-बार नई प्रस्तुतियां देने के लिए आग्रह किया। शायरी के प्रशंसक लोगों ने उन्हें जमकर सराहा। इससे
पहले कवि सम्मेलन की शुरूआत करते हुए इंदौर से आए अमन अक्षर से कई मुक्तक पढ़े और उनकी अमर रचना
राम गीत के साथ समापन किया। राम के जीवन पर आधारित विभिन्न अनुसंधानों के साथ रचा गया यह गीत न
केवल राम के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाता है, अपितू राम को अलग दृष्टिकोणों से देखने के लिए विवश
करता है। श्रोताओं ने उन्हें जमकर दाद दी। ग्वालियर से आई शायरा रश्मि शर्मा सबा ने कहा-ख्वाब किसी पत्थर
का पूरा होता है, नींदे सारी कारीगर की होती है, उन्होंने एक अलग शेयर में कहा-मैं दीया हूं, मेरी फितरत है उजाला

करना, वो समझते हंै कि मजबूर हूं जलने के लिए। श्री गंगानगर से आए प्रतिष्ठित गीतकार संदेश त्यागी ने कवि
सम्मेलन का संचालन किया और उन्होंने बेहतरीन काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में जगदीश चोपड़ा ने मुख्यातिथि
एवं धनराज बिश्नोई ने समारोह अध्यक्ष के रूप में शिरकत की। सदन के प्रधान प्रवीण बागला ने अतिथियों का
स्वागत किया और सदन की गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। सुभाष शर्मा ने भी सदन की स्थापना से लेकर
अब तक की यात्रा का विस्तार से वर्णन किया। कार्यक्रम में बाबूलाल फुटेला, सुशील बंसल, राज वर्मा, अमित
गोयल, कार्यक्रम संयोजक विक्रंात गुप्ता, प्रशांत गुप्ता, अशोक गुप्ता, विनय गुप्ता, विनय मित्त्तल, पूर्व
चेयरमैन अशोक वर्मा, हसला के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष गुरदीप सैनी, प्रमोद मोहन गौतम, रमेश शास्त्री, हरभगवान
चावला, परमानंद शास्त्री, विरेंद्र भाटिया, टीके लोहिया, गुरजीत मान सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।