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1 अप्रैल से इन दो बैंकों का वजूद खत्म, लाखों ग्राहकों पर पड़ेगा असर

1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है और इसके शुरू होते ही कई बदलाव शुरू हो जाएंगे। इन बदलावों की बात करें तो देश के तीन बैंकों का विलय भी 1 अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। उधर, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई किए जाने इनकार कर दिया है। बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (बीओए) ने तीनों बैंकों के विलय पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

दरअसल बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय प्रभाव में आ जाएगा। देना और विजया बैंक के ग्राहकों के बैंक खाते अब बैंक ऑफ बड़ौदा में ट्रांसफर हो जाएंगे। अगर इस विलय के ग्राहकों पर असर की बात करें तो ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या ढ्ढस्नस्ष्ट कोड मिलेंगे, उन्हें नए डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे। नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है। विलय योजना के तहत विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे। इसी तरह देना बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयरों पर बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर ही मिलेंगे। विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। अभी 45.85 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कारोबार के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पहले, 15.8 लाख करोड़ रुपये के साथ एचडीएफसी बैंक दूसरे और 11.02 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ आईसीआईसीआई बैंक तीसरे स्थान पर है।