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स्वतंत्रता संग्राम के महानायक हमारे प्रेरणास्रोत : बिजली मंत्री रणजीत सिंह – सिरसा में हुआ 1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम नाटक का मंचन

सिरसा, 14 जुलाई।(सतीश बंसल ) आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा व जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप के साथ बुधवार की सांय स्थानीय चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में ‘1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नामÓ नाटक का मंचन हुआ। नाटक मंचन का शुभारंभ हरियाणा के बिजली, अक्षय ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। नाटक मंचन कार्यक्रम में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक, पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, समाजसेवी डा. भीम सेन, एसडीएम जयवीर यादव, जीएम रोडवेज केआर कौशल, डीएसपी आर्यन चौधरी, जिला बागवानी अधिकारी रघुबीर सिंह झोरड़, कार्यकारी अभियंता सीडीएलयू एसके विज, सीडीएलयू से पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अमित सिहाग जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी तथा भारी संख्या में दर्शक मौजूद थे। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र बजाड़ ने कार्यक्रम के मुख्यअतिथि, अन्य अतिथियों व आमजन का पहुंचने पर स्वागत किया। इस नाटक मंचन के दौरान डेढ़ दर्जन प्रसिद्ध कलाकारों ने लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से अपने दमदार अभिनय से वीर शहीदों की गौरव गाथा को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। बिजली मंत्री ने नाटक कलाकारों को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।

नाटक मंचन का शुभारंभ करते हुए बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में हरियाणा सरकार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के वीर बलिदानियों व असंख्य गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देने व युवा पीढ़ी को अपने इतिहास से रूबरू कराने के लिए प्रदर्शनी, नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा रहा है। आजादी के लिए 1857 के संग्राम की चिंगारी भी हरियाणा के अंबाला से फूटी थी। उन्होंने कहा कि राव तुलाराम, झज्जर के नवाब अब्दुर्रहमान खां, राजा नाहर सिंह सहित हरियाणा के अनेक सेनानियों ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी तथा यह चिंगारी गांव-गांव तक फैल गई। उन सेनानियों को नमन करने के लिए इस नाटक का मंचन कराया जाना सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा तथा जिला प्रशासन द्वारा सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है और इस प्रकार के आयोजन निश्चित तौर पर युवा शक्ति को सकारात्मक संदेश देते हैं।

बिजली मंत्री ने कहा कि सन 1857 की पहली जंग ए आजादी में योगदान के लिए आजादी के महानायक के रूप में राव तुलाराम को आज भी अदब से याद किया जाता है। राव तुलाराम को अहीरवाल की वीरभूमि पर अंग्रेजों की ताकतवर सेना से मुकाबला करने के साहस के कारण ही सन 1857 क्रांति का महानायक माना गया है। राव तुलाराम ने देश के लिए लड़े गए 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था, जिसके लिए 23 सितम्बर का दिन वीर शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे नाटकों की प्रस्तुति से ही युवा पीढ़ी को देश की आजादी के संग्राम के बारे में जानकारी मिलती है। सीडीएलयू के आडिटोरियम में 1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम नाटक मंचन देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। इस नाटक ने उपस्थित दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि देश के वीर बलिदानियों ने देश को आजाद कराने लिए कितने असहनीय कष्टï, दुख-तकलीफें व पीड़ाएं सहन की, जिनकी कुर्बानियों की बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में चैन व सुख की सांस ले रहे हैं।