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सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सियासी सफर पर चाचा शिवपाल सिंह यादव और सहयोगी ओम प्रकाश राजभर के गुस्से के बादल मंडरा रहे

शिवपाल और राजभर की जोड़ी रह-रहकर अखिलेश को सियासी पाठ पढ़ा रही है और नसीहत भी दे रही है। लखनऊ में शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पर रात्रि भोज का आयोजन हुआ था। इसमें शिवपाल यादव और ओम प्रकाश राजभर भी पहुंचे थे। दोनों के यहां पहुंचने के बाद सियासी गलियारों में हलचल मची ही थी कि शनिवार को शिवपाल ने अपने तेवर दिखाकर अखिलेश यादव को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दे डाली है। अब आपको बताते हैं कि शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश को लेकर क्या कहा, साथ ही राजभर के उस बयान के बारे में भी बताते हैं जो सूबे की सियासत में नया अध्याय लिखने का संदेश है….

सपा प्रमुख पर तंज कसते हुए शिवपाल ने कहा कि अखिलेश यादव में राजनीतिक परिपक्वता की कमी है। इसके कारण समाजवादी पार्टी कमजोर होती जा रही है। कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। मुझे पार्टी की बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जाता है। मुझे विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ बैठक में भी नहीं बुलाया गया। अगर अखिलेश मेरे सुझावों को गंभीरता से लेते तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की स्थिति बिल्कुल अलग होती। सपा के कई गठबंधन दल अब उनका साथ छोड़ रहे हैं। इसका कारण सपा प्रमुख की राजनीतिक अपरिपक्वता हैशिवपाल ने कहा कि मैंने बहुत पहले कहा था, जहां हमें बुलाया जाएगा, जो हमसे वोट मांगेगा, हम उसे वोट देंगे। इससे पहले भी राष्ट्रपति चुनाव हुआ था, तब भी हमें समाजवादी पार्टी ने नहीं बुलाया। उस समय रामनाथ कोविंद जी ने वोट मांगा और हमने उनका समर्थन किया। कल मुझे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलाया तो मैं वहां गया और द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। मैं मुख्यमंत्री से मिला, उन्होंने मुझसे अच्छे तरीके से बात की।