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बजट: इंदिरा गांधी के नाम है ये रिकॉर्ड आज तक नहीं टूट पाया

लखनऊ। केंद्र भारतीय जनता पार्टी सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी बजट कल यानी एक फरवरी को पेश करने जा रही है जिसको लेकर हर तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म है। सभी की निगाहें आने वाले बजट पर टिकी है । लेकिन बजट आने से पहले हम आपको बजट से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी दे रहे है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के  केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में निर्दिष्ट किया गया है। बजट में वार्षिक खर्च के साथ ही  विभिन्न प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए होने वाले खर्च का भी उल्लेख होता है। बजट को लागू करने से पहले उसे संसद के दोनों सदनों में पारित करवाना भी जरूरी है।

क्यों कहा जाता है बजट

बजट शब्द की उत्पति लातिन शब्द बुल्गा से हुई। बुल्गा का अर्थ होता है चमड़े का थैला। इसी से बाद में फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट बना। इसके बाद अस्तित्व में आया अंग्रेजी शब्द बोगेट या बोजेट,  फिर यही शब्द बजट बना। वहीं भारत देश में पहला बजट जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश किया था। जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का संस्थापक भी कहा जाता है। भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाला वित्तीय वर्ष 1867 से शुरू हुआ। इससे पहले तक 1 मई से 30 अप्रैल तक का वित्तीय वर्ष होता था। ये बात तो आजादी से पहले की हो गई आजादी के बाद का पहला  तत्कालीन वित्तमंत्री आरके षणमुखम शेट्टी (चेट्‍टी) ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, जबकि गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था।

पहली महिला वित्तमंत्री होने के नाते इंदिरा गांधी ने 1970 में आम बजट पेश किया था। उस समय वे देश की प्रधानमंत्री थीं तथा वित्त मंत्रालय का प्रभार भी उनके पास ही था। भारत के इतिहास में वे इकलौती महिला हैं, जिन्होंने आम बजट पेश किया। इसके बाद आज तक कोई नहीं हुआ हर बार किसी पुरुष ने ही बजट पेश किया। वहीं 1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश किया, उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था। ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी और नाती राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया।