‘जाको राखे साइंया मार सके न कोय’ इस कहावत को चरितार्थ किया है त्रिपुरा का सुपरहीरो कहे जाने वाले स्वप्न देबबर्मा ने. जो सैकड़ों रेलयात्रियों के लिये भगवान बनकर आए थे और उन्होने अपनी जानपर खेलकर सैकड़ों की जान बचाई थी.वहीं अब स्वपन देबबर्मा और उनकी बेटी की बहादुरी को ...
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