शास्त्र में कहा गया है : ब्रह्मचर्यं परं बलम् । ‘ब्रह्मचर्य परम बल है ।’ जिसके जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन नहीं होता उसकी आयु, तेज, बल, वीर्य, बुद्धि, लक्ष्मी, कीर्ति, यश, पुण्य और प्रीति – ये सब नष्ट हो जाते हैं । उसके यौवन की सुरक्षा नहीं होती । दुनिया ...
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