#sakshimishra तुम कितनी कठोर कितनी स्वार्थी हो लानत है तुम्हारे होने पर तुमने 9 माह के उस त्याग को प्रसव वेदना को अपने उस बाप के प्यार को, भुला दिया। गज़ब है तुम्हारा प्रेम वो भी उस व्यक्ति के खातिर जिससे तुम महज कुछ वर्षों से जानती हो। ग़लती तुम्हारी ...
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