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लोकसभा चुनाव के बीच बढ़ सकती हैं मायावती की मुश्किलें, चीनी मिल घोटाले में अब ED करेगी मनी लॉड्रिंग की जांच

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनावी रण में जमकर ताल ठोंकने वाली बसपा सुप्रीमो की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही जहां सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उत्तर प्रदेश में शासन के दौरान मूर्तियां और पत्थर जड़वाने के लए फटकार लगाई थी और हर्जाना भुगतने का फरमान सुनाया था, तो वहीं अब एक बार फिर से चीनी मिल घोटाले में अब उनकी मुसीबत बढ़ने वाली है।

दरअसल, मायावती राज में बेची गई चीनी मिलों का केस अब प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में आ गया है और इस मामले में अब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगा। मामले की जांच जांच सीबीआई की ओर से ईडी को सौंपी गई है। ऐसे में अगर ईडी को मायावती के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के सुबूत मिलते हैं, तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में साल 2010-11 में 21 चीनी मिलों को गलत तरीके से बेचे जाने को लेकर मायावती पर बड़ा आरोप लगा था।

जिसके बाद यह जांच सीबीआई के दायरे में थी। लेकिन अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भी शिकंजा कसने को तैयारी शुरू कर दी है। आरोप है कि सरकार ने एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए ही फर्जी बैलेंस शीट और निवेश के फर्जी कागजों के आधार पर ही उस कंपनी को नीलामी में शामिल होने के योग्य मान लिया था।

इस तरह से उन 21 चीनी मिलों को उस कंपनी को औने-पौने दामों पर बेचा गया और उस कंपनी को फायदा पहुंचाया गया। इस कंपनी का नाम नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड है। इस मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिस वक्त चीनी मिल नम्रता कंपनी को बेची गई थी, उस वक्त यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और मायावती सूबे की मुख्यमंत्री थीं।