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महान वैज्ञानिक जिसने मौत को दी मात,रहस्यों को समझा पर महिलाओं को नहीं

ब्रह्मांड के रहस्यों से अवगत करान वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग अब इस दुनिया में नहीं है. उनकी 76साल की उम्र में देहावसान हो गया. लेकिन वे हमेशा कहते थे कि “मै अभी और जीना चाहता हूं” ये कथन किसी और के नहीं बल्कि विश्व के महान वैज्ञानिको में से एक स्टीफन हॉकिंग के है. जो उन्होंने अपने पिछले जन्मदिन पर कहे थे, जिसे सुन दुनिया एक पल के लिये अचंभित सी रह गयी थी. उन्हें भौतिकी के छोटे-बड़े कुल 12 पुरस्कारों से नवाजा जा चूका है.

मौत को मात

हॉकिंग को बचपन में ही एएलएस नामक गंभीर बीमारी हो गई थी. इसमें शरीर की मांस पेशियां काम करना बंद कर देती हैं. हॉकिंग चल फिर नहीं सकते, वह बातें भी कंप्यूटर की सहायता से कर पाते हैं. डॉक्टरों का अनुमान था कि वह पांच साल से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकेंगे लेकिन उन्होंने इन दावों को झुठला दिया. मशहूर भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के स्पीच सॉफ्टवेयर को अमेरिकी कंपनी इंटेल ने बनाया था.हॉकिंग अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए असिस्टिव कांटेक्स्ट-अवेयर टूलकिट (एसीएटी) का इस्तेमाल करते थे. बीते बरसों में हॉकिंग ने अपने सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए भारतीय वैज्ञानिक और सॉफ्टवेयर इंजीनियर अरुण मेहता से भी संपर्क किया था.

विकलांगता पर विजय

जब हर किसी ने आशा खो दी तब स्टीफन अपने अटूट विश्वास और प्रयासों के दम पर इतिहास लिखने की शुरुआत कर चुके थे.उन्होंने अपनी अक्षमता और बीमारी को एक वरदान के रूप में लिए . उनके ख़ुद के शब्दों में,“मेरी बिमारी का पता चलने से पहले, मैं जीवन से बहुत ऊब गया था. ऐसा लग रहा था कि कुछ भी करने लायक नहीं रह गया है.”

लेकिन जब उन्हें अचानक यह अहसास हुआ कि शायद वे अपनी पीएचडी भी पूरी नहीं कर पायेंगे तो उन्होंने, अपनी सारी ऊर्जा को अनुसंधान के लिए समर्पित कर दिया.अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि“21 की उम्र में मेरी सारी उम्मीदें शून्य हो गयी थी और उसके बाद जो पाया वह बोनस है .”

हॉकिंग की ऊंची उड़ान

2007 में विकलांगता के बावजूद उन्होंने विशेष रूप से तैयार किए गए विमान में बिना गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र में उड़ान भरी. वह 25-25 सेकेण्ड के कई चरणों में गुरुत्वहीन क्षेत्र में रहे. इसके बाद उन्होंने अंतरिक्ष में उड़ान भरने के अपने सपने के और नजदीक पहुचने का दावा भी किया.

 

जिंदा रहना है तो 100 सालों में छोड़ दो पृथ्वी

मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने विश्व को चेतावनी दी थी कि मानव जाति को जिंदा रहने के लिए 100 साल के अंदर किसी दूसरे ग्रह में चले जाना चाहिए. हॉकिंग ने जलवायु परिवर्तन, बढ़ती आबादी और उल्का पिडों में टकराव को लेकर यह बात कही थी.उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि मानव को जिंदा रहने के लिए दूसरे ग्रहों की ओर अग्रसर होना होगा. प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि ब्रह्मांड में एलियन से यदि इंसान का सामना हुआ तो वह धरती वासियों पर हमला भी कर सकते हैं.

मार्लिन मोनरो के दीवाने

हॉकिंग के अनुसार यदि उनके पास टाइम मशीन होती तो वह हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अदाकारा मानी जाने वाली मार्लिन मोनरो से मिलने जाते. उनके मुताबिक कोई भी चीज असम्भव नहीं थी. तर्क देते थे कि हर भौतिक वस्तु के कई आयाम होते हैं. बीते कल की यात्रा का मतलब ही है कि आयामों के पार जाना.

महिलाओं को नहीं समझ पाए

1974 में हॉकिंग ने भाषा की छात्रा जेन विल्डे से शादी की. दोनों के तीन बच्चे हुए लेकिन 1999 में तलाक भी हो गया. इसके बाद हॉकिंग ने दूसरी शादी की. कुछ दिनों पहले जब एक इंटरव्यू में उनसे पूर्ण रहस्य के बारे में पूछा गया तो जवाब दिया कि महिलाएं अभी भी पूर्ण रहस्य ही हैं.