Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

सावन में शिव पूरी करेंगे मनोकामना,बस कहें इनके कान में

अध्यात्म|

सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है। इस महीने का हर एक दिन बेहद पवित्र और खास माना गया है। सावन के सोमवार का महत्व ज्यादा होता है और अगर आप सावन में नंदी की पूजा के साथ उसके कान में अपनी मनोकामना बताते हैं तो शिवजी तक वह आसानी से पहुंची है और पूरी भी होती है। ऐसी मान्यता है कि शिवजी के दूत नंदी ही लोगों की समस्याओं से सबसे ज्यादा दोचार होते हैं क्योंकि भोले बाबा अधिकतर ध्यानमग्न रहते हैं ऐसे में उनतक भक्तों की बात पहुंचाने का काम नंदी ही करते हैं।

भगवान जब ध्यान से बाहर आते हैं तो नंदी भक्तों कि कामनाओं को उनके आगे रखते हैं। यही कारण है कि नंदी को अपनी बात उनके कान में जरूर कहनी चाहिए। सावन के महीने क्योंकि शिवजी को बेहद प्रिय हैं इसलिए नंदी की कही हर कमानाओं को वह पूरा जरूर करते हैं।

बिना नंदी से कहे दिल की बात नहीं होगी पूरी
सावन में आप भगवान शिव को प्रसन्न करने में लगे हैं लेकिन अगर अपनी मनोकामना अगर नंदी के कान में नहीं कही तो यह बात शिव जी तक नहीं पहुंचेगी। भगवान शिव का आर्शीवाद भी नंदी के जरिये ही मिलता है क्योंकि भगवान शिव भी चाहते हैं कि नंदी का सम्मान और पूजा उसी तरह से हो जिस तरह से लोग उन्हें पूजते हैं। शिवजी ने नंदी को ही यह काम सौंपा है कि वह भक्तों के मन की बात सुन कर उनतक पहुंचाएं। मान्यता है कि भगवान शिव नंदी की हर बात को पूरा करते हैं। सावन माह में ऐसा करना विशेष फलदायी होता है। खास बात ये है कि नंदी के कान में मन की बात कहने से केवल आपकी मनोकामना ही पूरी नहीं होती बल्कि इससे आपको कई अन्य फायदे भी होते हैं।

 नंदी को हैं शिव का आर्शीवाद
भगवान शिव ने नंदी महाराज को विशेष स्थान का दर्जा दिया है और यही कारण है कि उनके मंदिर के बारह नंदी जरूर होते हैं। भगवान शिव ने नंदी को यह वरदान दिया है कि जो भी व्यक्ति उनकी कान में आकर अपनी कामना कहेगा वह उसे पूरा जरूर करेंगे।

शास्त्रों में कहा गया है कि शिव का विशेष पात्र बनने की रहा नंदी से जाती है औ यदि नंदी शिव भक्त से प्रसन्न होते हैं तो शिव जी ऐसे भक्तों को उत्तम लोक में स्थान देते हैं। उनके भक्त को ईह लोक से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और वह सदा शिव के शरण में वास करने का अधिकारी बन जाता है।

तो सावन के माह में अपनी मनोकामना नंदी के कान में कहने का अवसर न खोएं। नंदी ही पहुंचाएंगे आपकी बात भोले भंडारी तक।