कीव: यूक्रेन पर रूस के हमले के 78 दिन पूरे हो गए हैं और अभी तक इस भीषण जंग का कोई निर्णायक परिणाम आता नहीं दिख रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लंबी लड़ाई के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं, वहीं यूक्रेन भी पूरी तरह से डटा हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन लंबी लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। वहीं नाटो देशों की अरबों डॉलर की मदद से यूक्रेन की सेना भी रूस का सामना करने के लिए आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही है और रूस के कब्जा किए हुए इलाकों पर भी हमला करने को तैयार है।
अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर अवरिल हैनेस ने गुरुवार को कहा कि पुतिन यूक्रेन में लंबी चलने वाली लड़ाई को तैयार हैं जो दोनबास इलाके के बाहर भी हो सकती है जहां रूस की बढ़त हाल के समय में रुक गई है। यही नहीं यूक्रेन के सैनिकों ने खारकीव शहर के पास स्थित कई गांवों पर फिर से कब्जा कर लिया है। इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दमत्रो कुलेबा ने एक जोरदार चेतावनी रूस के लिए जारी की है। उन्होंने कहा कि देश की युद्ध करने की इच्छा अब और ज्यादा बढ़ गई है। मंगलवार को ही अमेरिका की संसद ने यूक्रेन को 40 अरब डॉलर की सहायता देने का ऐलान किया। स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ऐलान किया कि हम यूक्रेन की मदद केवल एक देश नाते नहीं करेंगे बल्कि दुनिया के लोकतंत्र की रक्षा के लिए करेंगे। उधर, यूक्रेन के विदेश मंत्री कुलेबा ने अब तक का सबसे स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि कीव का सैन्य लक्ष्य अब बदल गया है। यूक्रेन अब न केवल इस साल रूस की ओर से कब्जा किए गए इलाकों को फिर से हासिल करेगा, बल्कि साल 2014 के बाद पुतिन की ओर से कब्जा किए गए सभी इलाकों पर फिर से अपना नियंत्रण हासिल करेगा। उनका इशारा क्रीमिया की ओर था।