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रिटायर्ड हवलदार को चौदह साल बाद मिली एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार ग्रेड-3 की पेंशन

आदेश की नाफरमानी पर याची आठ प्रतिशत ब्याज का हकदार होगा : सेना कोर्ट, सेना में प्रति आठ वर्ष में प्रमोशन देना बाध्यकारी : विजय कुमार पाण्डेय ,लखनऊ, सेना कोर्ट लखनऊ ने चौदह साल बाद औरैया जनपद के रिटायर्ड हवलदार को वर्ष 2008 से दी एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार की पेंशन, मामला यह था रघुराज सिंह लगभग चौबीस वर्ष की सेवा करने के बाद सेना से सेवानिवृत्त हुआ और उसे हवलदार की पेशन दी गई l याची अपनी कम पेंशन के खिलाफ रक्ष-मंत्रालय भारत सरकार से अपील की लेकिन निराश होकर उसने सशत्र-बल अधिकरण, लखनऊ में अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय के माध्यम से वाद दायर किया।

खण्डपीठ के सामने अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने याची का पक्ष रखते हुए दलील दी कि याची ने सेना की सिग्नल कोर में लगभग चौबीस साल सेवा की है, नियमानुसार उसकी कुछ दिनों की सेवा में कमी को माफ़ करते हुए उसको तीसरा प्रमोशन मिलना चाहिए था लेकिन, सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया। दूसरी तरफ से भारत सरकार के अधिवक्ता द्वारा सरकार का बचाव करते हुए कहा कि याची ने न तो हवलदार की रैंक पर आठ साल का सेवाकाल पूर्ण किया है और, न ही उसने चौबीस साल की सेवा पूरी की है इसलिए, वह एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार की पेंशन पाने का हकदार नहीं है। लेकिन, दोनों पक्षों की दलीलों, पत्रावली के अवलोकन और सरकार के नीतिगत निर्णयों के आलोक में याची को एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार को हकदार होने का निर्णय न्यायामूर्ति उमेश चन्द्र श्रीवास्तव (से०नि०) एवं प्रसाशनिक सदस्य वाईस एडमिरल अभय रघुनाथ कार्वे (से०नि०) की खण्डपीठ ने चार महीने के अंदर याची को डिस्चार्ज की तारीख वर्ष 2008 से एम०ए०सी०पी० नायब सूबेदार ग्रेड-3 की पेंशन देने का फैसला सुनाया और कहा कि आदेश की नाफरमानी पर आठ प्रतिशत का ब्याज भी देना होगा ।