देश-दुनिया में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर एक बार फिर शरीर की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी पावर की जरूरत पर बात हो रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जिस महिला-पुरुष की इम्युनिटी पावर मजबूत होगी, उसपर कोरोना वायरस काम नहीं करेगा।
किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. सुजाता देव के मुताबिक, प्रकृति ने हर जीवित शरीर में एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं और माइक्रोब्स वगैरह से बचाती है। इसे ही रोगप्रतिरोधक शक्ति या इम्यूनिटी कहा जाता है।
जब बाहरी रोगाणुओं की तुलना में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है तो इसका असर सर्दी, जुकाम, फ्लू, खांसी, बुखार वगैरह के रूप में हम सबसे पहले देखते हैं। रोगप्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है।
ऐसे बढ़ेगी रोगप्रतिरोधक क्षमता
- आहार में एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करते हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र के असर को कम करते हैं। विटामिन तथा जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। हरी सब्जियों तथा फलों को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।
- भरपूर नींद लें तथा तनावमुक्त रहने का अभ्यास करें।
- सूर्य की रोशनी में सवेरे तेल मालिश करने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विटामिन-डी रोग प्रतिरोधकता के लिए महत्त्वपूर्ण कारक है।
- लहसुन एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल है। दिन में एक-दो लहसुन का सेवन बेहद फायदेमंद है।
- दिन में तीन-चार बार ग्रीन-टी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। सभी खट्टे फल इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं।
- सब्जियों का सूप पीना इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है, सर्दी-जुकाम में भी फायदा करता है। सर्दी-जुकाम-खांसी वगैरह ज्यादा दिनों तक बने रहें तो इसे सामान्य न समझें और इलाज कराएं।
योगासन-प्राणायाम भी अच्छे उपाय
व्यायाम की तमाम पद्धतियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की दृष्टि से योगासन और प्राणायाम सबसे अच्छे उपाय हैं। सवेरे के समय नियमित रूप से आधे से एक घंटे तक योगासन-प्राणायाम करने से शरीर के भीतर हार्मोन संतुलन कायम करने में मदद मिलती है। योगासन, खासतौर से प्राणायाम तनाव दूर करने में काफी मददगार हैं। किसी योग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर अपने अनुकूल योगासनों का चयन करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार जिन्हें समय कम मिल पाता हो, वे 15 मिनट तक रोज सूक्ष्म यौगिक क्रियाएं करें।