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प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने रविवार को कहा कि उन्होंने देश में मौजूदा आर्थिक संकट पर विश्व बैंक और एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा, ” 12वीं खेप और 4,00,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति। भारत द्वारा रियायती ऋण योजना के तहत आज कोलंबो को डीजल की ताजा खेप की आपूर्ति की गई।”प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने रविवार को कहा कि उन्होंने देश में मौजूदा आर्थिक संकट पर विश्व बैंक और एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और इस दौरान दवाई, भोजन और उर्वरक आपूर्ति के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।सरकारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान वित्तीय सहायता के लिए एक ‘फोरेन कन्सोर्टियम’ (विदेशी संघ) गठित करने के संबंध में भी विदेशी प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया गया।वार्ता के सकारात्मक रहने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए तत्कालिक चुनौती आगामी सप्ताह के वास्ते ईंधन आवश्यकताओं के भुगतान के लिए जरूरी धन जुटाना है।उन्होंने कहा कि बैंकों में डॉलर की कमी के कारण सरकार अब आवश्यक धन जुटाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को विधायिका के सभी सदस्यों से अपील की कि वे एकजुट हों और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल काम करें, खासतौर पर तब जब आर्थिक संकट की वजह से देश अपने ‘‘सबसे खराब दौर से गुजर रहा है।’’गोटबाया राजपक्षे ने यह टिप्पणी ‘वेसाक पोया दिवस’ के मौके पर की।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमें मौजूदा स्थिति के प्रति सचेत रहना चाहिए और उन कार्यक्रम को लेकर एकजुट होना चाहिए जो सभी के संकल्पों पर खरा उतर सके।’’उल्लेखनीय है कि वेसाक पोया दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और महापरिनिर्वाण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध के जीवन की तीनों घटनाएं एक ही तारीख पर हुई थी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘… मुश्किल समय में लचीलापन आवश्यक है। इस मौके पर जब देश सबसे खराब स्थिति में है, सभी जन प्रतिनिधियों को तुरंत सभी लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। वास्तविक उद्देश्य मूल लक्ष्य से डिगे बिना इच्छित लक्ष्य तक पहुंचने का होना चाहिए।’’प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस मौके पर जारी संदेश में लोगों की जिंदगी को पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि यह भगवान बुद्ध के समक्ष की गई प्रतिबद्धता है। उधर, रानिल विक्रमसिंघे ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है।