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पितृ पक्ष में 15 दिन भूल कर भी ना करें ये काम, झेलना पड़ता है पित्रों का गुस्सा

आप सभी इस बात से बखूबी वाकिफ ही होंगे कि भाद्रपक्ष की शुल्क पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन पितृ पक्ष यानि श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे हैं. ऐसे में इस बार श्राद्ध पक्ष 24 सितंबर यानी कि सोमवार से शुरू होकर 8 अक्टूबर, सोमवार तक चलेंगे. ऐसे में इन दिनों में  पितरों को याद करने और उनसे आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त होगा.

कहते है कि उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती. अब ऐसे में इस दौरान आपको बहुत सावधानियां बरतना आवश्यक है वरना पितर नाराज हो जाते हैं और आप पितृ दोष का शिकार बन सकते हैं. तो आइए जानते है कि श्राद्ध के दिनों में कौन-से कार्य नहीं करने चाहिए.

नहीं करने चाहिए ये काम 

कहते है कि पितृपक्ष में महिला और पुरुष दोनों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए जी हाँ, इन दिनों पितर आपके घर में सूक्ष्म रूप से रहते हैं इस वजह से संबंध नहीं बनाने चाहिए. इन दिनों में पितरों को याद कर, उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

कहा जाता है कि पितृपक्ष में पुरुषों का दाड़ी-मूंछ नहीं कटवानी चाहिए और इसी के साथ ही श्राद्ध के पिंडों को गाय या फिर ब्राह्मण को देना चाहिए.

कहते है कि इन दिनों लोहे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए और जहाँ तक संभव हो सके तो ब्राह्मणों को पत्तल पर भोजन करवाएं और स्वयं भी उसी पर करें. वहीं शास्त्रों में श्राद्धपक्ष के दिन इस तरह भोजन करवाना सबसे श्रेष्ठ माना गया है.

कहा जाता है कि पितृ पक्ष में द्वार पर आए अतिथि अथवा भिखारी को भोजन और पानी जरूर देना चाहिए. कहते है कि पितर किसी भी रूप में आपके द्वार पर आ सकते हैं और श्राद्ध मांग सकते हैं इसलिए कभी भी इनका अनादर नहीं करना चाहिए.