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सीएए हिंसा के पीछे पीएफआई, फंडिंग पर अखिलेश ने उठाये सवाल

 

लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को खुलासा किया है कि पीएफआई से जुड़े 73 बैंक खातों के जरिये 120 करोड़ से ज्यादा की राशि कई खातों में ट्रांसफर की गई।

इस बड़े खुलासे के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल पूछा है कि सरकार के हाथ बहुत लम्बे होते हैं। हमारी एजेंसी क्या कर रही है। सरकार को चाहिए कि आखिर इतना पैसा कहां से आया, करोड़ों का लेन-देन कैसे हुआ। इस बात की जांच करवाएं और दोषियों को सजा मिले। अखिलेश यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार हिंसा और दमनकारी नीति अपनाकर अपनी ही जनता पर जुल्म ढा रही है। केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था की डफली फाड़ दी है।

दरअसल, ईडी सूत्रों के हवाले से सामने आया है कि प्रदेश में सीएए को लेकर हुए विरोध-हिंसा और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच सीधा संबंध है। गृह मंत्रालय को भेजी गई ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआई से जुड़े 73 बैंक खातों से 120 करोड़ से ज्यादा की राशि कई लोगों, संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर की गई। ईडी के मुताबिक जांच के दौरान ऐसे 73 खातों के बारे में पता चला है, जिनसे पीएफआई के 27 और इससे संबंधित इकाई रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) के नौ और 17 अलग-अलग बैंकों में संबंधित व्यक्तियों, इकाइयों के 37 एकाउंट में पैसे जमा कराए गए हैं। 73 बैंक खातों में करीब 120.5 करोड़ जमा किए गए हैं।

पीएफआई के बैंक खातों में जमा हुई नकदी की जांच के दौरान बहराइच, बिजनौर, हापुड़, शामली, डासना आदि में कई बार नकदी पकड़े जाने पर इस पूरे षड्यंत्र का खुलासा हुआ। इन बैंक खातों में 41.50 करोड़ जमा किए गए थे। वहीं पीएफआई के 27 बैंक खातों में ज्यादातर नकदी ही जमा की गई, जो कुल जमा राशि का लगभग पचास प्रतिशत है। इन खातों 59 करोड़ में से 27 करोड़ रुपये नकद जमा किए गए थे।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वाले वाले 25 आरोपितों को प्रदेश भर से गिरफ्तार किया गया था। हिंसक प्रदर्शन में पीएफआई का नाम आया था। उप्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद इससे जुड़े लोगों ने पीएफआई का गठन किया और अब प्रदेश के युवाओं को आतंकवाद की तरफ ढकेलने का काम कर रहे हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध के लिए डीजीपी मुख्यालय की ओर से सिफारिश भी की गई।

पीएफआई को लेकर जवाब दे विपक्ष

प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने सोमवार को कहा कि ऐसे लोग जो स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी से जुड़े हुए थे, उन्होंने सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआई का नाम का नया संगठन बनाया जो युवाओं को आतंकवाद की तरफ मोड़ रहा है। मोहसिन रजा ने कहा कि पीएफआई ने केरल से चलकर उत्तर प्रदेश में आकर अभी चंद दिन पहले उपद्रव किया। इसका खुलासा हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने किया। विपक्ष को इसका जवाब देना होगा।

मोहसिन रजा ने कहा कि सिमी एक आतंकी संगठन है, यही लोग हैं जो भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग के सदस्य हैं। यही लोग हैं जो देश में अराजकता और उपद्रव फैलवाते हैं। इनको हिंदुस्तान की कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक के लिए संरक्षण देती हैं, ये बड़े शर्म की बात है। कांग्रेस को तो इसलिए जवाब देना होगा क्योंकि उसकी पार्टी के जो पूर्व अध्यक्ष थे, वह अमेठी छोड़कर चुनाव लड़ने के लिए केरल चले गए। अब केरल से इस तरह की चीजें निकलकर सामने आ रही हैं तो ये लोग देश के अंदर क्या चाहते हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि मोदी और शाह के नेतृत्व में देश की एजेंसियां सतर्क हैं, हम देश की सुरक्षा भी करेंगे और ऐसे लोगों का हम पर्दाफाश भी करेंगे।