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बेबाक पत्रकारों को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

साल 2021 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा चल रही है। इसी सिलसिले में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई जिसमें यह पुरस्कार इस बार दो पत्रकारों को मिला है। इन्होंने अपनी बेबाकी तथा निर्भीकता से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए काम किया है। इनका नाम है मारिया रेसा तथा दिमित्री मुराटोव। मारिया फिलिपिंस की रहने वाली पत्रकार है तथा मुराटोव रूस के पत्रकार हैं। इन दोनों पत्रकारों ने अपने अपने देश में सरकारों के नाक में दम कर रखा है।

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क्यों मिला इन्हें शांति का नोबेल
पत्रकार मारिया तथा दिमित्री# को स्वीडिश की एक कमेटी द्वारा दिए जाने वाले शांति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।इन पत्रकारों को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा” के लिए अपने अपने देश में किए गए प्रयत्नों के कारण यह पुरस्कार दिए जाने का फैसला लिया गया है। कमेटी ने कहा कि ये दोनों पत्रकार हमेशा सच के साथ खड़ा होकर लड़ने वाले सभी पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


गौरतलब है कि शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए इस बार 329 उम्मीदवारों में से मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव को चुना गया है। इस बार कई जानी-मानी हस्तियां भी इस लिस्ट में शामिल थ। जैसे जानी-मानी जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, मीडिया राइट ग्रुप रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आर एस एफ )और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यू एच ओ) भी शामिल थे।

जानिए मारिया रेसा के बारे में
न्यूज साइट RAPPLER की को फाउंडर मारिया रेसा फिलीपींस से लिए पत्रकारिता करती हैं। रेसा का जन्म मनीला में हुआ था। परंतु पिता की मौत के बाद उनकी माता उन्हें अमेरिका लेकर चली गई। उन्होंने अमेरिका में ही अपनी पढ़ाई की ।उन्होंने अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया तथा नौकरी के लिए फिर से फिलिपिंस लौट आई । वो सीएनएन के मनीला ब्यूरो चीफ के तौर पर काम किया। तथा वो 1995 से लेकर 2005 तक सीएनएन का जकार्ता ब्यूरो चलाया।


फिलिस्पीस मैं सत्ता के ताकतों तथा उनके अत्याचार हिंसा के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई तथा अपनी बेबाक तथा निर्भय पत्रकारिता के कारण हमेशा से फिलीपींस सरकार के निशाने पर रही। सरकार के विरुद्ध लिखने के कारण उन पर कई बार फिलीपींस सरकार द्वारा अलग-अलग मामले में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं कई बार उन्हें सजा भी हुई है। साल 2020 में मारिया के खिलाफ विवादित फिलीपींस एंटी साइबरक्राइम लॉ के तहत मामला दर्ज कराया गया था जिसको लेकर दुनिया में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी।
आपको बता देती मारिया को साल 2018 में फेक न्यूज़ के खिलाफ लड़ाई के लिए टाइम पर्सन ऑफ ईयर भी चुना गया था।

जानिए दिमित्री मुराटोव के बारे में
पूरी दुनिया में नवाजा गजेता को रूस का सबसे अच्छा अखबार कहा जाता है दिमित्री 1995 से लेकर 2017 तक इसी अखबार के संपादक रहे हैं और वो रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं।
दिमित्री की 30 साल के पत्रकारिता करियर के दौरान रूस की सरकार हमेशा उनके काम के दबाव में रही है।