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हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर पर महिला सांसदों की राय जुदा-जुदा

 

 

 

नई दिल्ली। हैदराबाद गैंगरेप कांड के आरोपियों के एनकाउंटर मामले में जहां कई लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं, तो कुछ लोग इस पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। इनमें महिला सांसद भी शामिल हैं। शुक्रवार को संसद पहुंची महिला सांसदों की राय भी जुदा-जुदा थीं। कुछ महिला सांसदों का मानना है कि हैदराबाद पुलिस ने सही किया तो कुछ सांसदों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि यह न्याय अगर तय प्रक्रिया के तहत होता तो बहुत अच्छा होता।

जो हुआ भयानक हुआ : मेनका गांधी 

भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि जो हुआ वो बहुत भयानक हुआ लेकिन पुलिस को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। अपराधियों को अदालत के माध्यम से सजा मिलनी चाहिए। अगर किसी मामले में देरी हो भी रही है तो उसके लिए न्यायिक व्यवस्था है। अगर ऐसा ही होगा तो अदालत, पुलिस और कानून की क्या जरूरत है।

अच्छा हुआ लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के तहत होता तो दुरुस्त होता : रेखा शर्मा

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि देश लोगों के साथ एक आम नागरिक होने के नाते मुझे खुशी है। देश के लोगों में इस घटना को लेकर काफी रोष था। लोग यही चाहते थे लेकिन यह न्याय अगर तय प्रक्रिया के तहत होता तो बहुत अच्छा होता।

देर आए, दुरुस्त आए : जया बच्चन

हैदराबाद मामले पर संसद में सवाल उठाने वाली समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने दो वाक्यों में ही अपनी भावना व्यक्त की। उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देर आए, दुरूस्त आए।

न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा रखा जाना चाहिए : सांसद शैलजा

कांग्रेस की सांसद शैलजा कुमारी ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जनता को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा रखना चाहिए। अपराधियों को इस तरह की सजा न्यायिक प्रक्रिया के तहत दी जानी चाहिए। ऐसे मामले में त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए पर कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कदम उठाए जाने चाहिए।

इस तरह का एनकाउंटर कानूनी रूप से वैध कर देना चाहिए : लॉकेट चटर्जी

हुगली (पश्चिम बंगाल) से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि हैदराबाद पुलिस ने जो भी किया, यह एक अच्छा कदम है। इस कदम से पीड़ित युवती की आत्मा को शांति मिली होगी और उसके घर वालों को भी सुकून मिला होगा। महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हत्या जैसे अपराधों के लिए अपराधियों को सात से 15 दिनों के अंदर ही फांसी पर लटकाने का प्रावधान होना चाहिए। इस तरह के एनकाउंटर को कानूनी तौर पर वैध कर देना चाहिए।