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निर्मोही अखाड़ा ने कहा-दावा खारिज होने का अफसोस नहीं, मकसद हुआ पूरा

 

अयोध्या। अयोध्या में विवादित भूमि को लेकर सप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सियासी दलों के नेताओं से लेकर धर्म गुरुओं और पक्षकारों ने अपनी प्रतिक्रिया में निर्णय का स्वागत करते हुए देश में अमन शांति बनाए रखने की अपील की है। निर्मोही अखाड़े ने भी अपना दावा खारिज होने किसी तरह की नकारात्मक टिप्पणी नहीं की, बल्कि रामलला का पक्ष मजबूत साबित होने और अधिकार मिलने पर खुशी जतायी है।

निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज होने पर प्रतिक्रिया में महंत धर्मदास ने कहा कि इसका हमें कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है। इससे निर्मोही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है। महंत स्वामी दिनेन्द्रदास ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राम जन्मभूमि अयोध्या में है। इससे बढ़कर और कोई बात हमारे लिए नहीं हो सकती है।

शिया मरकज़ी चांद कमेटी के अध्‍यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा क‍ि हमने पहले ही कहा था कि फैसला जो भी होगा, उसे हम स्‍वीकार करेंगे और वैसा ही हमने किया भी है। हम फैसले का स्वागत करते हैं। देशवासियों से अपील है कि वह आपस में भाईचारा और शांति बनाए रखे। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम अपने देश की अदालत और अदलिया के साथ हैं। हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। जो ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की राय होगी वहीं ऑल इंडिया पर्सनल शिया बोर्ड की राय होगी।

लखनऊ में डालीगंज स्थित प्रसिद्ध मनकामेश्‍वर मंद‍िर की महंत देव्या गिरि ने कहा क‍ि सुबूतों के आधार पर न्यायाधीशों ने फैसला किया है। फैसले का स्वागत है। देश के सबसे बड़े कानून के मंदिर से फैसला आया है। सभी को इस फैसले का स्वागत करना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं। इस निर्णय को किसी भी पक्ष की जय और पराजय से नहीं लेना चाहिये, हमारी उम्मीद है कि यह फैसला फासलों को मिटाएगा। उन्होंने पूरे प्रदेश की जनता से अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट और संविधान की मूल भावना पर अमल करते हुये विश्वास रखते हुये आपस के भाई-चारा और सौहार्द को बनाये रखें।