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राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत और बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग से विपक्षी एकता की पोल खुली

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत और बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग से विपक्षी एकता की पोल खुल गई है। अब कुछ ऐसा ही उपराष्ट्रपति चुनाव में हो सकता है क्योंकि टीएमसी ने पहले ही खुद को चुनाव से अलग रखने का फैसला किया है। इस फैसले की न सिर्फ पश्चिम बंगाल के विपक्षी दल कांग्रेस ने आचोलना की है बल्कि खुद उपराष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने भी इसे निराशाजनकर करार दिया है और कहा कि उम्मीद है कि चुनाव में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी विपक्ष के साथ खड़ी होंगी। उपराष्ट्रपत चुनाव से दूर रहने के फैसले पर मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट कर उम्मीद जताई कि साहस की प्रतीक ममता बनर्जी इस चुनाव में विपक्ष के साथ खड़ी होंगी। अल्वा ने कहा, ‘उप राष्ट्रपति चुनाव से टीएमसी का बाहर रहने का फैसला निराशाजनक है, यह वाद-विवाद, अहंकार और गुस्से का समय नहीं है। यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है। उन्होंने कहा, ‘मेरा विश्वास है कि ममता बनर्जी, जो साहस का प्रतीक हैं, विपक्ष के साथ खड़ी होंगी।

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। उन्होंने कहा कि टीएमसी उसे जानकारी दिए बिना विपक्षी उम्मीदवार का फैसला करने के तरीके से सहमत नहीं है। एनडीए ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा से होना। टीएमसी के फैसले को लेकर बंगाल के विपक्षी दल कांग्रेस और सीपीएम भी नाराज हैं। उनका आरोप है कि ममता बनर्जी की पार्टी ने बीजेपी के साथ सीक्रेट डील कर ली है और इसी वजह से वह उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार का साथ देने को तैयार नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के मुताबिकतृणमूल कांग्रेस के दो फैसलों ने बीजेपी के साथ उसकी सीक्रेट डील को साबित कर दिया है।