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सिरसा में मुशायरा व पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

सिरसा। (सतीश बंसल )-. साहित्यिक परिवेश में सिरसा के लिए कल का दिन एक खास दिन रहा जब साहित्य ,योग ,समाज सेवा को समर्पित संस्था “समग्र सेवा संस्थान” तथा केवल ग़ज़ल जैसी लोकप्रिय विधा के लिए सर गर्म फरीदाबाद की संस्था परवाज़-ए-ग़ज़ल के संयुक्त तत्तवावधान में एक मुशायरा “एक शाम शे’रो सुख़न के नाम”आयोजित किया गया। संस्थान के अध्यक्ष व हरियाणा साहित्य अकादमी से सम्मानित साहित्यकार व प्रमुख शायर राजकुमार निजात की दो पुस्तकों “नहीं मालूम था मुझको” ग़ज़ल-संग्रह तथा उनके लघुकथा संग्रह “माँ पर केंद्रित 101 लघुकथाएं” का हिंदी से मलयालम भाषा में तिरुअनंतपुरम की प्रख्यात लेखिका डा. एस रमा उण्णित्तान द्वारा हिंदी से मलयालम भाषा में अनुवादित कृति का लोकार्पण किया गया। इस कृति पर डॉ निजात ने अनुवादक डा रमा उण्णित्तान द्वारा प्रेषित संबोधन पढ़ा । कार्यक्रम के मुख्यातिथि मक़बूल शायर व पूर्व प्रिंसिपल सिरसा की शान प्रोफेसर आर.पी. सेठी कमाल थे, जो गुरुग्राम से विशेष तौर पर सिरसा पहुंचे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाबी के मिथक साहित्यकार एवं हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक स. सुखचैन सिंह भंडारी ने की ।

विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय विचारक तथा समाजसेवी व सिरसा चैरिटेबल हॉस्पिटल के संचालक डॉ गौतम कुमार सुथार , सेवानिवृत्त अध्यापक व प्रमुख समाज सेवी प्रोफेसर संजीव कालड़ा तथा युवा नेता व प्रमुख समाजसेवी अमन चोपड़ा ने शिरकत की । “नहीं मालूम था मुझको” की सारगर्भित समीक्षा हरियाणा साहित्य अकादमी से सम्मानित प्रख्यात लेखिका डॉ शील कौशिक ने तथा प्रख्यात आलोचक विद्वान ज्ञानप्रकाश पीयूष ने विशिष्ट गाम्भीरीय शैली में प्रस्तुत की । कार्यक्रम के दूसरे सत्र के रूप में एक मुशायरा का आयोजन किया गया जिस का संचालन राजकुमार निजात तथा दिल्ली से पधारी प्रख्यात ग़ज़लकारा रीता अदा ने संयुक्त रूप से किया । मुशायरा में परवाज़-ज-ग़ज़ल के अध्यक्ष अजय अज्ञात फरीदाबाद, बबीता गर्ग सहर फरीदाबाद, प्रमोद शर्मा असर दिल्ली, श्याम मोहन पराशर फरीदाबाद, प्रवीण पारीक अंशु ऐलनाबाद तथा दिलबाग सिंह विर्क डबवाली ने अपने उम्दा कलामों से मुशायरा को चार चांद लगा दिए । इसके साथ सिरसा शहर के जाने-माने शायरों , कवियों ने अपनी खूबसूरत रचनाओं से श्रोताओं को बार बार ताली बजाने पर मजबूर कर दिया । जिनमें सर्वश्री बलबीर सिंह वर्मा, राकेश जैन बंधु, राजविंद्र कौर लारा, मदन वर्मा, सुरेंद्र सागर , मानक चंद जैन ,शिवकुमार शर्मा, बेबी हेजल , बेबी भूमिका , मेजर शक्तिराज कोशिक , हरीश सेठी झिलमिल , प्रोफेसर सुदेश कंबोज आदि थे । कार्यक्रम का संचालन जनक राज शर्मा ने अपने अनुभवी अंदाज में प्रभावशाली ढंग से किया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिनमें सर्व श्री चेयरमैन रमेश जींदगर, स्वामी रमेश साहूवाला, गोपाल कृष्ण शुक्ला, डॉ.मनफूल वर्मा, डॉ. नरेंद्र , गिरधारी लाल अग्रवाल ,चंद्रपाल योगी, जिला प्रभारी जयप्रकाश, वरिष्ठ नागरिक प्रेम शर्मा, सूर्य प्रकाश, मोहन लाल शर्मा, भूपेंद्र सिंह गहलोत, कुलदीप आर्य ,सुरेंद्र कुमार गंगवान , आर के भारद्वाज , रविराज सिंह , सतीश कुमार जेबीटी , नितिन धनूर , प्रोफेसर जगमेल सिंह ,ओंकारमल बंसल ,भीम कुमार व रजनीश फोटोग्राफर आदि नामी-गिरामी हस्तियां मौजूद थी । लगातार 5 घंटे तक चले इस कार्यक्रम में श्रोताओं की उपस्थिति अंत तक बनी रही । उपस्थित सभी प्रबुद्ध लोगों ने इसे ऐतिहासिक समारोह की संज्ञा दी।