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अदनान सामी को नागरिकता देने पर मायावती ने उठाए सवाल, कहा-बाकी मुसलमानों से क्या शिकायत

 

लखनऊ। पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को पद्मश्री से सम्मानित करने के केन्द्र सरकार के फैसले पर सियासत गरमाती जा रही है। कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल लगातार अदनान को पद्मश्री दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं अब बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इस मामले को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) से जोड़कर सरकार को नसीहत दी है।

मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया कि पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहां के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहां सीएए के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है। मायावती ने कहा कि अतः केन्द्र सीएए पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।

दरअसल सीएए को लेकर सरकार पर निशाना साधने में जुटा विपक्ष अब हर मुद्दे को इससे जोड़ने में जुट गया है। अदनान सामी के प्रकरण भी सियासत की जा रही है। वहीं भाजपा की ओर से कहा गया है कि अदनान सामी को उनकी काबिलियत देखते हुए पद्मश्री दिया गया है। वह न सिर्फ एक मशहूर गायक हैं बल्कि दुनिया के सर्वाधिक तेज पियानोवादक और विश्व भर में वाहवाही बटोरने वाले संगीतकार हैं।

बसपा सुप्रीमो सीएए और एनआरसी के विरोध में राजधानी लखनऊ में हुसैनाबाद स्थित घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने का भी विरोध कर चुकी हैं। उन्होंने कहा है कि सीएए और एनआरसी आदि के विरोध में संघर्ष करने वाली महिलाओं समेत जिन लोगों के भी खिलाफ उप्र भाजपा सरकार द्वारा गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें तुरन्त वापस लिया जाए और इस दौरान जिनकी जान गई है तो सरकार उनकी भी उचित मदद करे, यह बसपा की मांग है।