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दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुआ मुकाबला

दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हार और जीत से ज्यादा ऋषभ पंत के बर्ताव के चलते सुर्खियों में चला रहा है। हार-जीत तो होती रहती है लेकिन पंत ने दिल्ली की पारी के अंतिम ओवर में पूरा ड्रामा करने की कोशिश की जिससे मामला बिगड़ा। मामला शुरू हुआ था अंपायर द्वारा ‘गलती’ करने से क्योंकि क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज रॉवमन पॉवले को एक गेंद कमर की ऊंचाई पर फेंकी गई थी लेकिन उनको नो-बॉल करार नहीं दिया गया।सब गलतियां क्रिकेट का ही एक हिस्सा होती हैं।

कई बार इनसे मैच का नतीजा भी प्रभावित हो सकता है लेकिन खिलाड़ियों को हो-हल्ला करने का अधिकार नहीं है। उससे खेल प्रभावित होता है ,बात शेन वॉटसन ने कही है जो दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि हेड कोच रिकी पोंटिंग दिल्ली के खेमे में कोविड आउटब्रेक के चलते फिलहाल आइसोलेशन में हैं। इसलिए कई लोगों का यह भी कहना है कि अगर पोंटिंग होते तो पंत ऐसी हरकतें नहीं कर पाते। हमने मैच के दौरान पंत को आपा खोते देखा और शेन वॉटसन को आकर उन्हें समझाते भी देखा। लेकिन पंत सुनने को तैयार नहीं थे और उन्होंने अपने एक और कोच प्रवीण आमरे को मैदान पर अंपायरों से बहस करने के लिए भेज दिया। यह सब चीजें क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं होती, शेन वॉटसन ने मैच के बाद इसके लिए अफसोस भी जताया है।पीटरनस ने स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा है कि मेरे लिए अंपायर के फैसले से अधिक चिंता की बात दिल्ली की टीम का बर्ताव है। मुझे नहीं लगता पोंटिंग यहां होते तो ऐसा होता।

जोस बटलर को भी पंत से ये पूछने का पूरा अधिकार था कि- भाई, तुम ये सब क्या कर रहे हो? क्या अपने कोच को मैदान पर भेज देना उचित फैसला है? बाद पंत ने बल्लेबाजों को बुलाने का इशारा किया। वहीं पर फील्डिंग कर रहे जोस बटलर भी पंत से कुछ बात करने लगे। तभी प्रवीण आमरे मैदान में घुस गए। इस दौरान हेड कोच रिकी पोंटिंग परिवार के एक सदस्य का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने के चलते आइसोलेशन में थे।