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जानिए गुजरात के अनोखे मंदिर का राज, पेड़ में पत्र बांधकर मांगते हैं मन्नत

भारत में प्रसिद्ध मंदिरों की कमी नहीं है। यहां जगह-जगह कई ऐसे धार्मिक स्थान हैं जिनके चमत्कारों के किस्से हर जगह देखने को मिलते है।

वहीं आज हम आपको गुजरात के एक एसी देवी मां के मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां पेड़ में पत्र बांधकर मांगते हैं मन्नत. जिसका नाम आशापुरा माता का मंदिर है। 

मान्यता है कि जो भी भक्त मंदिर में अपनी फरियाद लेकर आता है, उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती है। खास बात ये है की माता का ये धाम इतना चमत्कारी है कि पीएम नरेंद्र मोदी भी यहां मत्था टेकने आते हैं।

यहां मत्था टेकने आते हैं पीएम मोदी

  1. देवी मां का ये मंदिर गुजरात के कच्छ में है। ये भुज से करीब 95 किलोमीटर दूर स्थित है।
  2. आशापुरा माता मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था। इसे जडेजा राजपूतों ने अपने शासनकाल में बनवाया था। हालांकि इस बारे में कुछ विद्वानों को संशय है।
  3. पुराणों के अनुसार आशापुरा माता मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ था। क्योंकि उस वक्त राजपूत सम्मा वंश के लोग देवी मां की आराधना करते थे।
  4. आशपुरा मां की महिमा के चलते नवानगर, राजकोट, मोरवी, गोंडल बारिया, चौहान, जडेजा राजपूत और कच्छ के लोग उन्हें अपनी कुलदेवी मानते हैं। वे कोई भी शुभ कार्य करने से पहले देवी मां के दर्शन करने आते हैं।
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  5. आशापुरा मां को अन्नपूर्णा देवी का अवतार माना जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर में जो भी मुराद मांगी जाती है, वो जरूर पूरी होती है। इसीलिए देवी के इस धाम का नाम आशापुरा यानि आशाओं को पूरा करने वाली देवी का मंदिर रखा गया।
  6. आशापुरा मां शुभ फल देने वाली हैं। उनके दरवाजे से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है। माता के इसी चमत्कार के चलते पीएम नरेंद्र मोदी की भी इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है। वो जब भी गुजरात में होते हैं या कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू करते हैं तो देवी के दर्शन करने आते हैं और मत्था टेकते हैं।