Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

सेक्स एन्जॉय करने के लिए ज़रूरी है माहौल भी अच्छा हो

सेक्स लाइफ को एन्जॉय करने के लिए माहौल यानि वातावरण का विशेष महत्त्व होता है आईये आपको इसके बारे में देते हैं पूरी जानकारी…

वातावरण का ध्यान :

  • संभोगक्रिया करते समय वातावरण का भी खासतौर पर ध्यान देना पड़ता है। संभोगक्रिया में पूरी तरह आनंद और संतुष्टि तब तक नहीं मिल पाती जब तक इस क्रिया को बिना किसी डर के और निश्चिंत होकर न किया जाए।
  • शादी के बाद सोने के लिए पति और पत्नी के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था कर दी जाती है फिर भी कई बार इस व्यवस्था में अचानक किसी तरह की रुकावट आ जाती है तो ऐसे में उन्हें सेक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए। कई बार पति-पत्नी अपने कमरे में आकर संभोगक्रिया करने लगते हैं तभी उन्हें अगर कोई आवाज दे देता है तो उस समय उनकी सेक्स संबंधों के दौरान बनी मानसिकता को तेज आघात पहुंचता है और यही जल्दी वीर्यपात का कारण बनता है।
  • अगर पति और पत्नी अपने कमरे में आते हैं तो उन्हें तुरंत ही संभोगक्रिया में नहीं लग जाना चाहिए। कमरे में आते ही सबसे पहले आपस में किसी भी टाँपिक को लेकर बातें आदि करने लग जाएं। जैसे ही लगे कि अब घर में सब लोग सो गए हैं तब संभोगक्रिया करने के लिए तैयार हो जाए। कमरे में हरे रंग या आसमानी रंग का बल्ब जलाकर संभोगक्रिया करने से आनंद मिलता है।

संभोगक्रिया के समय विभिन्न आसनों का प्रयोग हानिकारक है :

  • संभोगक्रिया के समय बहुत से पुरुष अपनी बीवियों को सेक्स के अलग-अलग आसनों को प्रयोग करने की प्रयोगशाला बना देते हैं। पुरुष अक्सर किताबों या फिल्मों में सेक्स करने के अलग-अलग तरीकों को देखकर अपनी पत्नी के साथ भी उसी तरह सेक्स करने के लिए जोर डालते हैं।
  • लेकिन सेक्स करने के यह तरीके या आसन जो दिखाए जाते हैं उनको करना लगभग नामुनकिन होता है। इन अलग-अलग आसनों को करते समय या संबंध बनाते समय पुरुष इस कदर उत्तेजित हो जाते हैं कि उसके लिए संबंध बनाए रखना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से वे शीघ्र स्खलित हो जाते हैं। पत्नी को भी ऐसा महसूस होता है कि उसका पति तो उसे किसी खिलौने की तरह प्रयोग कर रहा है जिसके कारण वह शारीरिक और दिमागी रूप से पीड़ित रहने लगती है।
  • वैसे भी सेक्स संबंधों का जितना आनंद सामान्य आसन से मिलता है उतना अलग-अलग आसनों का प्रयोग करने से नहीं मिलता। बहुत से विद्वानों का कहना है कि जो व्यक्ति सामान्य आसनों का प्रयोग करके सेक्स संबंधों का आनंद उठा रहा है उन्हें भूलकर भी अलग-अलग आसनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छा आसन है कि संभोगक्रिया के समय पत्नी को नीचे और पति को उसके ऊपर लेटना चाहिए। इस आसन को करते समय पुरुष का लिंग बहुत ही आसानी के स्त्री की योनि में प्रवेश कर जाता है और पुरुष संभोग के समय स्त्री के चेहरे के भावों को पढ़ सकता है। विराम के समय स्त्री के शरीर पर निश्चल लेटने से एक अनोखा सुख प्राप्त होता है।
  • इसके बाद सिर्फ विपरीत रति वाले आसन को ही अच्छा माना गया है। इस आसन में पति नीचे लेटता है और पत्नी उसके ऊपर लेटती है। इसमें शरीर संचालन स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर कर सकते हैं। इस आसन में भी सारी स्थितियां पहले आसन के ही जैसी होती हैं लेकिन विराम के समय आराम का सुख स्त्री को ही मिलता है।