मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री कमलनाथ वंदे मातरम मामले में बैकफुट पर आ गए हैं। कमलनाथ न की सिर्फ बैकफुट पर बल्कि उन्होंने फैसला लिया है कि मध्यप्रदेश में पुलिस बैंड की धुन पर वंदेमातरम् होगा। इसके अलावा हर महीने के पहले कार्य दिवस पर सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड की धुन पर शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च निकाला जाएगा। पुलिस बैंड के वल्लभ भवन पहुंचने पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ और राष्ट्र गीत ‘वंदे मातरम्’ होगा। कार्यक्रम में आम लोग भी शामिल किए जाएंगे।
राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक जनवरी को वंदेमातरम् का गायन नहीं हुआ था। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया था। रोक लगने 24 घंटे बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे कांग्रेस का शर्मनाक कदम बताया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल से पूछा था कि क्या वंदेमातरम् पर रोक का फैसला आपका है?
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वंदेमातरम् गायन पर कांग्रेस सरकार ने जनदबाव में निर्णय ले लिया है, लेकिन ये सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि #वंदेमातरम् रोकने के पीछे राहुल गांधी की मंशा थी या खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ का निर्णय? इसका जवाब प्रदेश को मिलना ही चाहिए। मेरा मध्यप्रदेश सब देख रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सभी 7 जनवरी को मंत्रालय परिसर में वंदेमातरम् का गायन करेंगे। आप सभी इसमें अवश्य शामिल हों। हमारी नजर अगले महीने की एक तारीख पर भी बनी रहेगी। कांग्रेस को समझना होगा कि वंदेमातरम् दलीय राजनीति से ऊपर है। सरकारों के आने-जाने से इसे प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को कहा था कि वंदेमातरम अब बड़े पैमाने पर होगा। शाह के बयान पर उन्होंने कहा था- ‘आजादी की लड़ाई के दौरान वंदेमातरम् गीत का अर्थ था, भारत मां को ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से मुक्त कराना। उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद भारत मां की वंदना का अर्थ है, किसानों की खुशियां, जो मैं कर्जमाफी और फसलों के दाम सुनिश्चित करके कर रहा हूं। सही अर्थों में मप्र की वंदना में लगा हूं। वंदेमातरम् कर रहा हूं।’