नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गहरे संकट में घिरती दिख रही है। कांग्रेस से नाराज़ चल रहे पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। वहीं कांग्रेस ने सिंधिया को निष्कासित करने की बात कही है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सोमवार को ही इस्तीफ़ा भेज दिया था, लेकिन उस ख़त को उन्होंने मंगलवार को सार्वजनिक किया। वहीं कांग्रेस ने एक बयान जारी कर लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी। विज्ञप्ति के अनुसार कांग्रेसी अध्यक्ष पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उनके निष्कासन को अपनी मंजूरी दे दी है और उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से बाहर कर दिया गया।
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— INC Sandesh (@INCSandesh) March 10, 2020
9 मार्च के अपने पत्र में सिंधिया ने कहा, “जबकि मेरा उद्देश्य एक ही है और वह हमेशा से ही राज्य और देश के लोगों की सेवा करने का रहा है, मुझे लगता है कि पार्टी में रहते यह उद्देश्य पाने में मैं असमर्थ हू।”
इससे पहले 18 साल तक पार्टी में रहने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दिया था, अपने अस्तित्व में उन्होंने कहा था कि यह समय जीवन में कुछ और तलाशने के लिए है। इससे पहले सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। सारा घटनाक्रम राज्यसभा की 2 सीटों के लिए है जिसे कांग्रेस राज्य से खाली हो रही 3 सीटों में से जीत सकती है। माना जा रहा है कि सिंधिया का 17 में से 17 या 20 विधायकों का समर्थन है।