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जन्माष्टमी विशेष 2018: 5,245 साल बाद पड़े रहे ये 5 उत्तम संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त!

धर्म डेस्क: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दो दिन अष्टमी का अद्भुत संयोग है। इस बार 5245 साल पहले भगवान श्रीकृष्ण जन्म वाले विशेष योग बन रहे हैं। उस वक्त उनकी कुंडली में जो ग्रहदशाएं थीं, उनमें से इस बार पांच हू-ब-हू हैं। दरअसल, भगवान कृष्ण का जन्म रोहणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था इस प्रकार से देखा जाए तो रात 12:00 बजे अष्टमी और रोहणी नक्षत्र आज यानी 2 सितंबर को है। माना जा रहा है कि कई वर्षों बाद ऐसा उत्तम संयोग बना है, जब रात 12 बजे अष्टमी तिथि और रोहणी नक्षत्र है। ठीक इसी लग्न और मुहूर्त में भगवान कृष्ण का द्वापर युग में अवतार हुआ था।

श्रीकृष्ण जन्म का उत्तम संयोग आज

जन्माष्टमी मुहूर्त की बात करें तो अष्टमी दो सितंबर को रात्रि 8.47 से प्रारमभ होकर 3 सितंबर को शाम 5.20 तक। रोहिणी नक्षत्र- दो सितंबर को 8.47 बजे से प्रारम्भ होकर 3 सितंबर को  रात्रि 5.20 तक रहेगा। निशीथ काल- दो सितंबर को रात्रि 11.57 से 12.48 तक। ज्योतिषियों के अनुसार दो सितंबर को अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का रात्रिकालीन मिलन हो रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि बारह बजे माना गया है। इसलिए, दो सितंबर को जन्ममाष्टमी करना श्रेष्ठ है।

दो दिन मनाई जा रही जन्माष्टमी

अष्टमी तिथि दो दिन होने से लोग असमंजस में हैं। कोई आज दो सितंबर को जन्माष्टमी मना रहा है तो कोई तीन सितंबर को। हालांकि 3 सितंबर को जन्माष्टमी इसलिए मनाई जाएगी, क्योंकि सूर्योदय की अष्टमी मानें तो यह तीन सितंबर को होगी। लेकिन इस दिन शाम 5.20 तक ही अष्टमी रहेगी। इसलिए तीन सितंबर को रात 12 बजे कृष्ण जन्म के योग नहीं हैं फिर बहुत से लोग तीन सितंबर को जन्माष्टमी मना रहे हैं। खासकर मथुरा में भी तीन सितंबर को ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

दिन विशेष

*दिनांक -०२ सितम्बर*- शीतल सप्तमी , श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत *स्मार्त*
*दिनांक -०३ सितम्बर*- श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत वैष्णव