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भारत के सत्या त्रिपाठी बने संयुक्त राष्ट्र में सहायक महासचिव

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने जाने माने भारतीय विकास एवं पर्यावरण विशेषज्ञ सत्या एस. त्रिपाठी को संयुक्त राष्ट्र में सहायक महासचिव नियुक्त किया है। वह यूएन के न्यूयॉर्क कार्यालय में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) का नेतृत्व करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के पदक्रम में त्रिपाठी अब वरिष्ठ स्तर पर तीसरे भारतीय हैं।

संयुक्त राष्ट्र में 20 सालों के काम का अनुभव

त्रिपाठी यूएनईपी में 2017 से सतत् विकास के 2030 एजेंडा पर वरिष्ठ सलाहकार रहे हैं। यूएन महासचिव गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफेन गुटेरेस ने बताया कि बताया कि विकास अर्थशास्त्री और वकील के रूप में 35 साल से अधिक का अनुभव रखने वाले त्रिपाठी 1998 से संयुक्त राष्ट्र से जुड़े हुये हैं और उन्होंने यूरोप, एशिया और अफ्रीका में सतत विकास, मानवाधिकार, लोकतांत्रिक शासन और कानूनी मामलों के महत्वपूर्ण कार्यो पर सेवाएं दी हैं।

सुनामी में अरबों डॉलर जुटाने में निभाई थी अहम भूमिका

अर्थशास्त्री और वकील के रूप में 35 सालों के अनुभव के साथ संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त राष्ट्र रिकवरी समन्वयक के रूप में इंडोनेशिया के अचेह व नियास में सुनामी के बाद सात अरब डॉलर जुटाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। त्रिपाठी ने 2004 में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले साइप्रस एकीकरण वार्ता के लिए विधि एवं संधि समिति की भी अध्यक्षता की।संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम कार्यालय में त्रिपाठी की ड्यूटी में संयुक्त राष्ट्र के लिए पर्यावरण तंत्र पर आधारित रणनीतियों का समर्थन, समन्वय और कार्यान्वयन शामिल होगा।

वाणिज्य से हैं ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट

त्रिपाठी ने वाणिज्य में स्नातक और परास्नातक और भारत के बरहामपुर विश्वविद्यालय से कानून एवं विधि में स्नातक और परास्नातक किया है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम इस वैश्विक संस्था की प्रमुख एजेंसी है, जो पर्यावरण के लिए काम करती है। यह दुनियाभर में सरकारों, निजी क्षेत्र, नागरिक समाजों और संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध अन्य संगठनों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिल कर काम करती है।