भगवान इशू बलिदान और लोगों की भलाई के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था. दुनियाभर में आज गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. और ऐसा कहा जाता है आज प्रभु यीशू ने मानवता की भलाई के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी.
विश्व में ईसाई समुदाय के तमाम धर्मावलंबी इस दिन चर्च जाकर अपने आराध्य प्रभु यीशू को याद करते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैं।
गुड फ्राइडे को दुनिया के कुछ हिस्सों में ग्रेट या ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है. कुछ लोग इसे पवित्र शुक्रवार यानी holly friday भी कहते हैं.
बलिदान के दिन को कहतें हैं गुड फ्राइडे
मान्यताओं और ईसाई ग्रंथों के मुताबिक, इसी दिन प्रभु यीशू को क्रॉस यानी सूली पर लटकाया गया था. वो भी तब जबकि उनका कोई कसूर नहीं था. खास बात ये है कि यीशू को जब क्रॉस पर लटकाया गया था तब भी उन्होंने ऐसा करने वालों के लिए प्रार्थना की थी.
यीशू का वो वाक्य जो उन्होंने क्रॉस पर लटकाए जाने के दौरान बोला था, आज भी याद किया जाता है. यीशू ने कहा था- हे प्रभू. इन्हें क्षमा कर दीजिए क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं. प्रभु यीशू के इसी बलिदान दिवस को गुड फ्राइडे कहा जाता है.
बलिदान के तीन दिन बाद यानी रविवार को यीशू फिर जी उठे. इस दिन को ईसाई धर्मावलंबी ईस्टर संडे के तौर पर मनाते हैं.
रक्षा के लिए किया त्याग
यीशू उस दौर के समाज में फैली गलत परंपराओं के खिलाफ लोगों को जागरुक कर रहे हैं. यहूदियों के गुरुओं ने इसका सख्त विरोध किया. यीशू की शिकायत रोमन प्रशासन से की गई.
दरअसल, रोमन प्रशासन को हमेशा इस बात का डर सताता था कि कहीं यहूदी बगावत ना कर दें. रोमन गवर्नर ने ही यीशू को क्रॉस पर लटकाकर प्राणदंड का आदेश दिया था. यीशू ने प्राण आहूति देने से पहले कहा था- हे परमेश्वर. मैं अब अपनी आत्मा आपको सौंप रहा हूं.