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अमेठी: लॉकडाउन के दौरान असगर ने पेश की मानवता की मिसाल

शिवकेशशुक्ला/अमेठी

ख़बर यूपी के अमेठी से है जहां मुसाफिरखाना क्षेत्र के दादरा गाँव के जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद तैनात है मो0 असगर से जुड़ा है। आपको बता दे इस समय जहां एक ओर कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन के दौरान पूरा देश संकट में चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर दादरा गांव के रहने सहायक अध्यापक मुहम्मद असगर लोगों को जीना सिखाने में दिन रात एक किए हुए है।

असगर सिखाते हैं योग 

मुहम्मद असगर सुबह होते ही अपने साधन से गांवों में निकल लेते हैं और लोगों को योग व प्राणायाम सिखाते हैं।उनका कहना है कि इंसान को जाति धर्म मजहब त्याग कर एक भारतवासी और एक हिंदुस्तानी की तरह देश की मदद के लिए सामने आना चाहिए। देश मे जब-जब कोई आपदा आती है संकट के दौरान इंसान अपना जाति धर्म मजहब अलग रखकर देश के समर्थन में खड़ा होकर एक मिशाल पेश कर देता है कि हम भारत देश के वासी है और देश की सेवा मे लगे लोगो के साथ है‌। लॉकडाउन के दौरान एक मुस्लिम सहायक अध्यापक की सराहनीय पहल ने पूरी अमेठी का हौसला दोगुना कर दिया है.

दिलचस्प बात ये है कि सहायक अध्यापक अपने धर्म से मुस्लिम होने के बाद भी घर-घर ना सिर्फ लोगों को फूड पैकेट दे रहे हैं बल्कि साबुन वितरित करने के साथ ही लोगों को योग‌ सिखाने का कार्य भी कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद और गरीब परिवार की मदद करने के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं.पूरे जिले में सभी स्कूल बंद है उसके बाद भी सहायक अध्यापक मोहम्मद असगर प्रतिदिन अपने वाहन से निकल कर जरूरतमंदों के पास फूड पैकेट पहुंचाते हैं और उन्हें साबुन वितरित करने के साथ ही उन्हें ना सिर्फ हाथ धोने के सही तरीके बताते हैं बल्कि उन्हें योगा भी सिखाते हैं।

आपको बताते चले कि सहायक अध्यापक मोहम्मद असगर कई बार योगा में पुरस्कार भी पा चुके हैं दिलचस्प बात यह है की इन्होंने अपना जाति धर्म मजहब छोड़कर अपनी निजी धनराशि से एक हिंदुस्तानी की तरह अमेठी के हर जरूरतमंद और गरीब नागरिक के पेट तक भोजन का निवाला और उसकी जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने का संकल्प लिया है।