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एफएटीएफ के एक्शन से बचने के लिए चीन की शरण में इमरान

नई दिल्लीः भारत की कूटनीति से पस्त और कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को अब जल्द ही एक और बड़ा झटका लगना है। एफएटीएफ जल्द ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में करने की तैयारी में है, जिसको लेकर पाकिस्तानी हुक्मरानों की बेचैनी बढ़ गई है। अब वह अपने सदाबहार दोस्त चीन की तरफ आस लगाए देख रहा है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के दौरे पर हैं और वहां वह अपने दोस्त चीन से एफएटीएफ के एक्शन से बचने के लिए मिन्नतें करेंगे। यही नही हाल ही में पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान भी इसी तरफ इशारा कर रहा है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत एफएटीएफ में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने की कोशिशें कर रहा है, जिससे वह अपनी आवाम का ध्यान भटका सके।

बता दें कि आगामी 13-18 अक्टूबर के बीच एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने आरोप लगाया है कि भारत उनके मुल्क को एफएटीएफ द्वारा ब्लैकलिस्ट कराए जाने की कोशिशों में लगा हुआ है। वहीं इमरान खान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलने के लिए बीजिंग पहुंच गए हैं। चूंकि, इन दिनों एफएटीएफ की अध्यक्षता चीन के पास है, इसलिए पाकिस्तान की कोशिश दबाव बनाकर एफएटीएफ के एक्शन से बचने की होगी।

इमरान खान के इस दौरे का एजेंडा चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर द्विपक्षीय बातचीत और कश्मीर होगा। वहीं एफएटीएफ की बैठक में संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अपने पक्ष में लामबंदी भी इस दौरे के एजेंडे में होगा। इमरान खान की यह कोशिश होगी कि वह एफएटीएफ की कार्रवाई से मुल्क को बचाने के लिए चिनफगिं के समर्थन जुटाएं।

बताया जाता है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान विकास की गति तेज करने के लिए चीनी राष्ट्रपति से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाएगा। इमरान खान इस तीन दिवसीय दौरे में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कछ्यांग से बड़ी परियोजनाओं की स्थापना पर बात करेंगे। ये परियोजनाएं पनबिजली, तेलशोधक कारखाने और इस्पात संयंत्र से जुड़ी हैं। ये सभी परियोजनाएं चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) का हिस्सा होंगी।