घर के बाहर या अंदर अक्सर आपने अशोका के पेड़ लगे हुए देखे होगे जो घर के आकर्षण को बढ़ाते है इस पेड़ की अलग तरह की बनावट होती है एक असली अशोक वृक्ष, जो आम के पेड़ की तरह फैलता है और दूसरा लंबा अशोक वृक्ष होता है यह अशोक वृक्ष देवदार की जाति का लंबा वृक्ष होता है.
इसके पत्ते आम के पत्ते जैसे ही होते है इसके पत्ते 8-9 इंच लंबे और दो-ढाई इंच चौड़े होते हैं. इसके पत्ते शुरू में तांबे जैसे रंग के होते हैं इसीलिए इसे ‘ताम्रपल्लव’ भी कहते हैं. अगर आपके घर में या घर के बाहर अशोका वृक्ष है तो इस बात को जान लेना आपके लिए जरुरी है.
अशोक का पत्ता पूजनीय
- हमारे हिंदू धर्म की बात करें तो अशोका के वृक्ष हमारे हिंदू धर्म में पवित्र माने जाते है मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है माना जाता है कि अशोका वृक्ष घर में लगाने से या इसकी जड़ को शुभ मुहूर्त में धारण करने से मनुष्य को सभी शोकों से मुक्ति प्राप्त होती है.
- वही आयुर्वेद की बात करें तो अशोका के वृक्ष वात-पित्त आदि दोष, अपच, तृषा, दाह, कृमि, शोथ, विष तथा रक्त विकार जैसे परेशानियों को दूर करते है साथ ही चर्म रोग से जुड़ें रोग भी दूर होते है और इसके इस्तेमाल से कई तरह की दवाईयां भी तैयार की जाती है।
- इस वृक्ष को लगाने से पहले आपको सही दिशा का ज्ञान होना बेहद जरुरी है अशोक का वृक्ष घर में उत्तर दिशा में लगाने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और घर में सुख शांति एव समृध्दि बनी रहती है।