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अगर आप भी रहते हैं अक्सर गर्दन और कंधे में दर्द से परेशान, तो करे काम

लंबे समय पर एक जैसी मुद्रा में बैठे रहने से अक्सर कंधों और गर्दन में दर्द होने लगता है. धीरे-धीरे ये इतना तेज होने लगता है आप परेशान हो जाते हैं. वर्तमान में भी अक्सर लोगों को इसी तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.

क्योंकि लॉकडाउन की वजह से या तो आप घर से काम कर रहे हैं या फिर पूरा दिन टीवी देखते हुए या सोते हुए बिता रहे हैं. ऐसे में गर्दन और कंधों में दर्द होना लाजिमी है. आज हम आपको कुछ ऐसी ही छोटे-छोटे व्यायाम के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें कर आप खुद को रिलैक्स फील करेंगे.

इसके लिए आप चिनटक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. चिनटक्स करते वक्त आपको खुद को किसी दीवार के सहारे सीधे खड़े होना पड़ता है. उसके बाद अपनी ठोढ़ी को अपनी छाती की तरफ ले जाने की कोशिश करें. हाथ की मदद से अपने सिर को धीरे से नीचे करें, ताकि आपके गर्दन में खिंचाव आए. इस स्थिति में कुछ सेकेंड ऐसे ही रहें. फिर धीरे-धीरे पुरानी स्थिति में आएं. दिन में कुछ मिनटों तक इसे रोजाना करें. इससे आपको गर्दन की समस्या से राहत मिलेगी.

टॉवलशोल्डर स्ट्रेच से मिलेगी निजात

इसके लिए एक जगह बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं. उसके बाद एक तौलिए लें और अपनी पीठ के पीछे से अपने दोनों हाथों से पकड़ें. अब अपनी छाती को चौड़ी करें. अपने हाथों को पीछे से तौलिए को पकड़ते हुए ऊपर की तरफ उठाने की कोशिश करें. छाती को चौड़ी करते हुए आपकी चिन को ऊपर की तरफ ले जाएं. ऐसे ही कुछ सेकेंड तक रहें. इसके बाद इस व्यायाम को दोबारा करें. ऐसा करने से अपकी कंधों को आराम मिलेगा साथ ही गर्दन का दर्द भी खत्म होगा.

वॉलचेस्ट स्ट्रेच- इसके लिए आपको किसी दीवार की तरफ मुंह करके खड़ा होना होगा. उसके बाद अपने दाएं हाथ को ऊपर उठाएं. दाएं कंधे की सीध में ही दीवार पर रख दें. अब बाईं तरफ मुड़ जाएं. ऐसा करने से आपको छाती में खिंचाव महसूस होगा. इसी अवस्था में कुछ सेकेंड रहें. अब दूसरी तरफ से इस कसरत को करें.

डोर-वे पेक्टोरल स्ट्रेच को करने का सबसे आसान और सही तरीका किसी दरवाजे में सीधे खड़े होने का है. जिसमें आपको अपने दाहिने पैर को छह इंच आगे बढ़ाना होगा. उसके बाद अपनी बाहों को कंधे के स्तर तक ऊपर उठाएं और कोहनी को सीधा करें. अपने हाथों को घुमाएं ताकि आप अपनी हथेलियों को द्वार के आसपास की दीवार पर रख सकें. उसके बाद शरीर को आगे की ओर खोलते हुए दरवाजे की ओर झुकें, जब तक आप अपनी छाती और कंधों में खिंचाव महसूस न करें ऐसी ही मुद्रा में रहें. वैसे तीस सेकंड का वक्त इसके लिए काफी है. ऐसे रोजाना तीन बार करना ठीक माना जाता है.