गर्मी का असर धीरे-धीरे दिखने लगा है और पारा भी चढ़ने लगा है। हर वर्ष की तरह मई और जून में लू का प्रकोप हर इंसान को परेशान करता है। घर में रहने वाले जहाँ गर्मी से बेहाल रहते हैं तो कामकाजी लोग झुलसा देने वाली तेज धूप के साथ लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ता है। इस मौसम में कई तरह की बीमारियों के फैलने का भी खतरा बना रहता है। इन बीमारियों से थोड़ी सावधानी बरतकर बचा जा सकता है।
यह हैं लक्षण:
-हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैप होने से शरीर की मशीनरी पर प्रभाव पड़ता है। मुख्य लक्षणों में शरीर में कमजोरी आना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द, उबकाई का आना, पसीना आना और कभी-कभी मूर्छा यानी बेहोशी छा जाती है। समस्या आने पर चिकित्सक की सलाह लें।
यह रखें ध्यान:
- -बच्चों व पालतूू जानवरों को खड़ी कारों में न छोडे़।
- -संभव हो तो पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 4 बजे के मध्य धूप में निकलने से बचें।
- -गहरे रंग के भारी व तंग कपड़े न पहनें ।
- -जब बाहर का तापमान अधिक हो तो श्रम साध्य काम न करें।
लू से बचने के लिए करें ये:
- -अधिक से अधिक पानी पीएं
- -पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के कपड़े पहनें
- -धूप में जाने से बचें। धूप में जाना हो तो चश्मे, छाते, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें।
- -खुले में काम करने पर सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढकें। छाते का प्रयोग करें।
- -यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने को स्वच्छ पानी रखें।
- -ओआरएस का घोल, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू-पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें।
घरों में यह अपनाएं टिप्स:
- -घर को ठंडा रखें, दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है। शाम व सुबह के समय घर के दरवाजे-खिड़कियों को खोलकर रखें, ताकि कमरे ठंडे रहे।
- -कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें। कर्मचारियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें। पंखे, नियमित स्नान करें। गर्भवती , शिशुओं व बड़ी उम्र के लोगों की विशेष देखभाल करें।