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मेरे साथ सैकड़ों रामभक्तों का सपना हुआ साकार : कल्याण सिंह

 

लखनऊ। अयोध्या आंदोलन में सबसे अहम भूमिका निभाने और सजा पाने वाले भाजपा नेता कल्याण सिंह ने सोमवार को पहली बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का सर्वसम्मति से दिया गया फैसला सर्व समावेशी है। यही कारण है कि किसी ने इस फैसले पर विरोध का स्वर नहीं निकाला। अब राम मंदिर की बनाई गई संकल्पना पूरी होने जा रही है। इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह भारतीय संस्कृति का सवाल है।

उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि मैं खुद रामभक्त हूं। राम मंदिर निर्माण के लिए जीने-मरने वाले मेरे साथ सैकड़ों लोगों का सपना इस निर्णय से साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि अब मैं रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाऊंगा लेकिन अभी उसकी तिथि नहीं बता सकता।

राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किये जाने वाले लोगों के नाम के बारे में उन्होंने कहा कि यह सरकार का मामला है। वह किसको तय करती है, उसमें हमसे कुछ भी लेना-देना नहीं है। आज की तिथि में सबसे खुशी की बात यह है कि कोर्ट के इस निर्णय से पांच सौ साल से चला आ रहा विवाद समाप्त हो गया। अब राम की नगरी में भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही वहां ऐसा विकास होना चाहिए कि विश्व की नजर उस पर हमेशा प्रसंशा के रूप में पड़े। उन्हाेंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है कि राम की नगरी का अद्भुत विकास होगा। अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के संबंध में दोषी होने की एक टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि इस मामले में मेरे, आडवाणी जी व उमा भारती पर सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इस पर मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि 39 गवाहों में से अब तक सिर्फ सात की गवाही हुई है।

कल्याण सिंह मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में से एक

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में से एक थे। उनकी पहचान हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता की थी। सन 1990 में जब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तो उन्होंने 30 अक्टूबर को कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। इस स्थिति में भाजपा ने उनका मुकाबला करने के लिए कल्याण सिंह को आगे किया। फायर ब्रांड कल्याण सिंह बीजेपी में अटल बिहारी बाजपेयी के बाद दूसरे ऐसे नेता थे, जिन्हें सुनने के लिए लोग बेताब रहते थे। कल्याण सिंह उग्र तेवर में बोलते थे, उनकी यही अदा लोगों को पसंद आती थी।

सहयोगियों के साथ किया था अयोध्या का दौरा

कल्याण सिंह की बदौलत ही पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली। कल्याण सिंह यूपी में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने। सीबीआई कोर्ट में दायर आरोप पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्याण सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर का निर्माण करने के लिए शपथ ली। सन 92 में विवादित ढांचा गिरने के बाद तुरंत मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देने वाले कल्याण सिंह को कोर्ट ने एक दिन की सजा सुनाई थी।