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एक महीने मक्खन से होगा भगवान शिव का श्रृंगार, नहीं चढ़ाया जायेगा जल… जानिए खास बात

हिमाचल को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। देवभूमि के कई मंदिर रहस्यों से भरे पड़े हैं। इन मंदिरों से जुड़ी देव आस्था की बातें हर किसी को हैरान कर देती हैं।

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव से एक माह पूर्व से मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर में प्राचीन समय से मक्खन चढ़ाने की परंपरा को कायम रखते हुए हर रोज देवी-देवताओं के अलग-अलग रूपों का श्रृंगार किया जाता है।

इस बार बाबा भूतनाथ मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग पर 21 जनवरी तारारात्रि (रात एक बजे) से मक्खन चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।। पहले दिन 21 किलो मक्खन से बाबा का श्रृंगार किया गया। 

नहीं चढ़ाया जाएगा एक महीना जल

स्वयंभू शिवलिंग पर मक्खन से कांगड़ा के बैजनाथ मंदिर में मौजूद शिवलिंग को उकेरा गया। प्राचीन मान्यता के मुताबिक 21 जनवरी से एक माह तक शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जा सकता है। शिवरात्रि के शुभारंभ के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक हो सकता है।

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भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर मंदिर के महंत, पुजारी और अन्य श्रद्धालुओं की ओर से मक्खन चढ़ाया जा सकता है। एक माह तक मंदिर में हररोज श्रद्धालुओं की ओर से मक्खन चढ़ाया जाता रहेगा। महाशिवरात्रि के दिन मक्खन निकाल लिया जाएगा। शिवलिंग का शिवरात्रि महोत्सव के लिए शृंगार किया जा सकता है।

इसी के साथ महाशिवरात्रि पर्व का शुभारंभ होता है। ऐसी मान्यता है कि मक्खन को धृत कंबल के रूप में शिव भगवान को चढ़ाया जाता था। इसके अलावा आध्यात्मिक दृष्टि से भगवान को 11 महीने तक जल चढ़ाया जाता है। वही मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि समय में कुछ फेरबदल किया गया है।

वही 21 जनवरी को बाबा भूतनाथ जी को तारारात्रि से मक्खन रूपी धृत कंबल चढ़ाया गया इस दौरान मंदिर में महाशिवरात्रि तक नित्य प्रतिदिन मक्खन से बाबा भूतनाथ जी का श्रृंगार और झांकी निकालना विशेष आकर्षण रहेगा। ऐसा उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए 22 से 28 फरवरी तक भोजन की व्यवस्था रह सकती है ।