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ऊर्जा मंत्री के दुबई दौरे की जांच कराए सरकार : अजय कुमार लल्लू

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के भविष्य निधि की रकम को गलत तरीके से एक निजी कंपनी में निवेश करने के बाद उप्र की सियासत में उफान आ गया है। डीएचएफएल में यूपी सरकार ने बिजली कर्मचारियों के पीएफ का पैसा निवेश किया है। इसे लेकर कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर है।

कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने डीएचएफएल मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को घेरते हुए कहा कि सवाल कर्मचारियों के पसीने की कमाई के साथ-साथ अब तो देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। कैसे कर्मचारियों के पसीने की कमाई देश के प्रति संदिग्ध एवं डिफाल्टर कंपनी को दिया गया।

उन्होंने मांग की कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि सितम्बर-अक्टूबर 2017 में ऊर्जा मंत्री किस प्रयोजन से दुबई गए थे और वहां किन-किन लोगों से मुलाकात की? यह दौरा उसी समय किया गया जब डीएचएफएल का पैसा सनब्लिंक कम्पनी को जा रहा था। ऊर्जा मंत्री 10 दिनों की इस आधिकारिक यात्रा के उद्देश्य बताएं? उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार बिजली कर्मचारियों के पीएफ निवेश पर श्वेत पत्र जारी करे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि डीएचएफएल से समझौता योगी आदित्यनाथ की सरकार में हुआ है, सारी जिम्मेदारी सरकार की है। योगी आदित्यनाथ तत्काल प्रभाव से ऊर्जा मंत्री जी को बर्खास्त करें।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ऊर्जा मंत्री जी मानहानि के मुकदमें की धमकी दे रहे हैं लेकिन 45 हजार कर्मचारियों के पसीने की कमाई को निगल जाना चाहते हैं। आखिर वे इस बात का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं कि उनकी किन गुनहगारों के साथ यारी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ऊर्जा मंत्री कल मेरे द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? आखिर इस चुप्पी का राज क्या है?