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सरकार ने खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क घटाया, त्योहार से पहले घटेगी खुदरा कीमतें

नई दिल्ली। त्योहारी सीजने से ठीक पहले लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाया है। सरकार ने पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी ऑयल पर मूल सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) में कटौती की है। यह अधिसूचना शनिवार से प्रभावी हो गई है। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि वित्त मंत्रालय ने इससे संबंधित एक अधिसूचना जारी कर दी है। वित्त मंत्रालय के जारी अधिसूचना के मुताबिक कच्चे पाम ऑयल पर बेस आयात शुल्क को 10 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है, जबकि कच्चे सोयाबीन ऑयल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेस आयात शुल्क 7.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी किया गया है।

सरकार के इस फैसले के कच्चे पाम ऑयल पर आयात शुल्क 30.25 फीसदी से घटकर 24.75 फीसदी, कच्चे सोयाबीन ऑयल पर 30.25 फीसदी से घटकर 24.75 फीसदी, कच्चे सूरजमुखी ऑयल पर 30.25 फीसदी से घटकर 24.75 फीसदी, आरबीपी पाम ओलीन पर 41.25 फीसदी से घटकर 35.75 फीसदी और रिफाइंड सोयाबीन ऑयल पर 41.25 फीसदी से घटकर 35.75 फीसदी हो गया है।

उल्लेखनीय है कि एक साल के दौरान कई तेलों के दाम 50 फीसदी तक बढ़े हैं। सरकार ने पिछले महीने भी क्रूड एडिबल आयल पर आयात शुल्क में कटौती की थी। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि नए सिरे से बेस आयात शुल्क में की गई कटौती से खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 4-5 रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है। आमतौर पर यह देखा गया है कि भारत के आयात शुल्क कम करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ जाती हैं, इसलिए खाद्य तेल कीमतों पर इस कटौती का वास्तविक असर 2 से 3 रुपये प्रति लीटर का रह सकता है।